Farmer March: पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर डटे हैं किसान, रविवार को होगी चौथे दौर की बातचीत
Feb 19, 2024, 14:22 IST
Farmer March: किसान एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. किसानों के 'दिल्ली मार्च' को पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर रोक दिया गया है. जहां किसान छठे दिन भी डटे हुए हैं. किसानों और सरकार के बीच तीन दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन इन बैठकों में मांगों को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई. किसानों और सरकार के बीच रविवार को चौथे दौर की बातचीत होगी. ऐसे में उम्मीद है कि आज चौथे दौर की बैठक में कोई समाधान निकल सकता है. Also Read: Farming: किसान आंदोलन में हरियाणा पुलिस के सब इंस्पेक्टर की गई जान, शंभू बॉर्डर पर ड्यूटी पर थे हीरालाल Farmer March: इससे पहले किसान नेताओं और सरकार के बीच 8 फरवरी, 12 फरवरी और 15 फरवरी को बैठकें हुईं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला क्योंकि किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी की मांग पर अड़े हुए हैं। सरकार ने किसानों की 10 मांगें मान ली हैं. तीन मांगों पर बात नहीं हो पा रही है. Also Read: Crops cure fog: इन फसलों के लिए रामबाण है कोहरा, जमकर करेगा फायदा
Farmer March: इन मांगों पर रुकी बातचीत
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गारंटी कानून
- किसानों की कर्ज माफी
- 60 साल से अधिक उम्र के किसानों को पेंशन देने पर सहमति
Farmer March: क्या हैं किसानों की मांगें?
- सभी फसलों की खरीद के लिए MSP गारंटी कानून बनाया जाए।
- डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से फसलों की कीमत तय की जाए। सभी फसलों के उत्पादन की औसत लागत से पचास फीसदी ज्यादा एमएसपी मिले।
- किसान और खेत में काम करने वाले मजदूरों का कर्जा माफ किया जाए। किसानों को प्रदूषण कानून से बाहर रखा जाए।
- 60 साल से ज्यादा उम्र के किसानों को 10 हजार रुपये पेंशन दी जाए।
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू किया जाए।
- लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दी जाए। आरोपियों की जमानत रद्द की जाए।
- मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए।
- विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए।
- मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम और 700 रुपये मजदूरी दी जाए।
- किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए। समझौते के अनुसार, घायलों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। दिल्ली मोर्चा सहित देशभर में सभी आंदोलनों के दौरान दर्ज सभी मुकदमे रद्द किए जाएं।
- नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां और खाद वाली कंपनियों पर कड़ा कानून बनाया जाए। फसल बीमा सरकार खुद करे।
- मिर्च, हल्दी और अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए।
- संविधान की 5वीं सूची को लागू कर आदिवासियों की जमीन की लूट बंद की जाए।