स्कूल-कॉलेज जाने वाली लड़कियों को हर महीने मिलेंगे 2500 रुपए, राज्य सरकार ने किए इतने करोड़ मंजूर किए
स्कूल-कॉलेज जाने वाली बेटियों को हर महीने 2,500 रुपये तक मिलेंगे। राज्य सरकार ने इस योजना के तहत 1500 करोड़ रुपये जारी करने को मंजूरी दी है। यह मासिक राशि 11वीं से पोस्ट ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई करने वाली छात्राओं को दी जाएगी। दी जाने वाली राशि कक्षा के हिसाब से अलग-अलग होगी। राज्य सरकार की यह योजना बाल विवाह रोकने के साथ-साथ बेटियों को आगे पढ़ने के लिए प्रेरित करने के लिए लाई गई है।
असम सरकार ने बाल विवाह रोकने के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाली लड़कियों के लिए मासिक वजीफा को मंजूरी दी है। योजना को मंजूरी देते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि सरकार बाल विवाह को रोकने के उद्देश्य से अगले पांच वर्षों में कक्षा 11 से पोस्ट ग्रेजुएशन तक की सभी छात्राओं को मासिक वजीफा देगी। इस योजना का नाम मुख्यमंत्री संतुष्ट मोइना रखा गया है और असम कैबिनेट ने इसके लिए राशि को मंजूरी दे दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ' संतुष्ट मोइना' योजना के जरिए करीब 10 लाख लड़कियों को आगे की पढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य बेटियों की शादी में देरी करना है, यानी सही समय पर करना है। ताकि वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सकें और अपने परिवार के लिए नौकरी पाकर अच्छी आय और करियर बना सकें।
किसे पैसे मिलेंगे और किसे नहीं?
निजुत मोइना योजना के तहत कक्षा 11 में पढ़ने वाली लड़कियों के साथ-साथ ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन करने वाली छात्राएं भी पात्र होंगी।
विवाहित लड़कियां पात्रता से बाहर रहेंगी। हालांकि, पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स में पढ़ने वाली विवाहित लड़कियों को पात्रता में रखा गया है।
मुख्यमंत्री के मुताबिक, विधायकों, सांसदों और मंत्रियों की बेटियों के साथ-साथ निजी कॉलेजों में पढ़ने वाली छात्राओं को इस योजना से बाहर रखा गया है।
कक्षा के हिसाब से अलग-अलग राशि दी जाएगी
योजना के तहत कक्षा 11 और 12 में पढ़ने वाली सभी लड़कियों को हर महीने 1,000 रुपये दिए जाएंगे।
ग्रेजुएशन में पढ़ने वाली बेटियों को हर महीने 1,250 रुपये दिए जाएंगे।
पोस्ट ग्रेजुएशन में पढ़ने वाली बेटियों को हर महीने 2,500 रुपये मिलेंगे।