टाटा साम्राज्य का भविष्य: कौन होगा 34 लाख करोड़ का मालिक?
रतन टाटा 20 साल तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे और आम लोगों से लेकर देश की तरक्की के लिए कई बड़े-बड़े काम किए। रतन टाटा की 86 साल की उम्र में निधन और बिना किसी संतान के होने से, रतन टाटा के उत्तराधिकार को लेकर काफी अटकलें हैं।
टाटा ग्रुप की सभी 29 कंपनियों का कुल मार्केट कैप 20 अगस्त, 2024 तक करीब 403 अरब डॉलर (33.7 लाख करोड़ रुपये) बताया जाता है। हालांकि टाटा ग्रुप में उत्तराधिकार योजना अच्छी तरह से बनी हुई है।
टाटा समूह की उत्तराधिकार योजना
टाटा ग्रुप ने पहले ही उत्तराधिकार की योजना तैयार कर ली थी। एन चंद्रशेखरन 2017 से होल्डिंग कंपनी टाटा संस के अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं। परिवार के अन्य सदस्य व्यवसाय के अलग-अलग जिम्मेदारियों को निभा रहे हैं। वहीं फ्यूचर के लीडरशिप के लिए संभावित उम्मीदवार हैं।
आगे चलकर अलग-अलग कारोबार को लेकर इन्हीं द्वारा लीडरशिप की भूमिका निभाने की उम्मीद है। जिमी टाटा रतन टाटा के सगे भाई हैं। रतन टाटा की तरह जिमी टाटा भी कुंवारे हैं, लेकिन वह हमेशा सुर्खियों से दूर रहते हैं।
जिमी टाटा ने 90 के दशक में रिटायर होने से पहले टाटा की विभिन्न कंपनियों में काम किया। वह टाटा संस और कई अन्य टाटा कंपनियों में शेयरधारक हैं। नोएल टाटा रतन टाटा के सौतेले भाई हैं। यह रिश्ता नोएल टाटा को टाटा की विरासत के लिए एक प्रमुख दावेदार के रूप में स्थापित करता है।
नोएल टाटा के तीन बच्चे हैं - माया, नेविल और लीह टाटा जो समूह के संभावित उत्तराधिकारी हो सकते हैं। ये टाटा इंटरनेशनल के चेयरमैन हैं और टाटा समूह की कई कंपनियों में शामिल हैं। माया टाटा Tata Group में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। बेयस बिजनेस स्कूल और यूनिवर्सिटी ऑफ वारविक से एजुकेशन लेने के बाद, उन्होंने टाटा ऑपर्च्युनिटीज फंड और टाटा डिजिटल में प्रमुख पदों पर कार्य किया है।
उन्होंने टाटा न्यू ऐप को लॉन्च करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें उनकी रणनीतिक सोच और व्यावसायिक कौशल का प्रदर्शन हुआ। माया टाटा की भूमिका टाटा ग्रुप के डिजिटल परिवर्तन में महत्वपूर्ण रही है, और वह समूह के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण उत्तराधिकारी के रूप में उभर रही हैं।
इसके अलावा, नेविल टाटा ट्रेंट लिमिटेड के तहत एक प्रमुख हाइपरमार्केट चेन, स्टार मार्केट के हेड हैं। लीह टाटा टाटा ग्रुप के हॉस्पिटलिटी सेक्टर में बड़ी भूमिका निभाती हैं। ये तीनों टाटा परिवार के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण योगदान कर रहे हैं और समूह की विरासत को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
रतन टाटा के निधन के बाद, टाटा ग्रुप का भविष्य का नेतृत्व नवाचार, अखंडता और सामाजिक प्रभाव की अपनी विरासत को बनाए रखने के लिए तैयार है। आगे की यात्रा न केवल कॉर्पोरेट लीडरशिप को आकार देगी, बल्कि भारत के सबसे फेमस समूहों में से एक के भविष्य को भी प्रभावित करेगी।

