Rajsthan: राजस्थान हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: दो से ज्यादा संतान वाले कर्मचारियों की पदोन्नति पर अंतरिम रोक
Rajsthan: राजस्थान हाईकोर्ट ने कार्मिक विभाग की 16 मार्च 2023 की अधिसूचना के आधार पर संबंधित वर्षों से दो से अधिक संतान वाले कर्मचारियों की पदोन्नति पर अंतरिम रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने मामले में कार्मिक विभाग, प्रमुख गृह सचिव और डीजीपी समेत अन्य से जवाब मांगा है।
जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने बारां और झालावाड़ के पुलिसकर्मी संतोष कुमार और जयदीप की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिए। खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि किसी भी कर्मचारी की योग्यता उसके पिछले सेवा वर्षों से कैसे निर्धारित की जा सकती है? हाईकोर्ट के इस अंतरिम आदेश से 125 सरकारी विभागों के कर्मचारी प्रभावित होंगे।
उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता शोभित तिवारी ने बताया कि राज्य सरकार ने एक जून 2002 या उसके बाद दो से अधिक संतान वाले सरकारी कर्मचारियों को तीन और पांच बार पदोन्नति देने से इनकार किया था। कार्मिक विभाग ने 16 मार्च 2023 को अधिसूचना जारी कर कहा था कि किसी भी कर्मचारी को सिर्फ अधिक संतान होने के कारण पदोन्नति देने से इनकार नहीं किया जा सकता।
ऐसे में पदोन्नति से वंचित रह गए कर्मचारियों को उनके पदोन्नति वर्ष से ही इसका लाभ दिया जाएगा। इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा गया कि किसी भी कर्मचारी की योग्यता के संबंध में अधिसूचना पूर्व की तिथियों से जारी नहीं की जा सकती।
अधिसूचना के माध्यम से उन कर्मचारियों को पदोन्नत किया जाएगा, जिन्हें पूर्व में अपात्र माना जा चुका है। इससे याचिकाकर्ताओं की पदोन्नति भी प्रभावित होगी। वे वरिष्ठता में उनसे नीचे चले जाएंगे, इसलिए 16 मार्च 2023 की अधिसूचना के आधार पर दो से अधिक बच्चों वाले कर्मचारियों को पदोन्नत न किया जाए। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है, जिसमें अगले आदेश तक इस अधिसूचना के आधार पर किसी भी कर्मचारी को पदोन्नत न करने का आदेश दिया गया है।