Chanakya Niti: कुत्तों के इन गुणों को अपनाकर आप भी बन सकते हैं जिंदगीं में सफल......

 
Chanakya Niti: कुत्तों के इन गुणों को अपनाकर आप भी बन सकते हैं जिंदगीं में सफल......
Aapni News, Chanakya Niti: आचार्य चाणक्‍य दुनिया के महान दार्शनिकों में से एक हैं, उनके द्वारा कहे गए शब्द और बातें आज भी उतनी ही सार्थक हैं। जीवन में सफलता पाने के लिए चाणक्य ने कई उपाय बताए हैं। उनका कहना है कि अगर जीवन में सफलता हासिल करनी है तो हर किसी से कुछ न कुछ सीखते रहना चाहिए। उनके मुताबिक अगर इंसान जानवरों और कुत्तों से ये कुछ बातें सीख ले तो उसे आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता, आइए आपको बताते हैं वो कौन सी बातें हैं? Also Read:  बदल जाएगा OnePlus 11 5G का लुक, नए अपडेट के साथ ऐसे दिखेगें ये नए फीचर्स अपने काम के प्रति निष्ठा आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कुत्ता अपने मालिक का बहुत वफादार होता है जो उसे रोटी देता है। कुत्ता उनकी भलाई के लिए अपनी जान तक जोखिम में डाल देता है। वह अपने जीवन को अपने गुरु के अनुसार ढाल लेता है, व्यक्ति को अपने जीवन में ऐसा ही बनना चाहिए। उसे अपने काम के प्रति वफादार रहना चाहिए. जो व्यक्ति अपने कर्म को पूजा समझता है वही आगे चलकर सफल इंसान बनता है। आपका कार्य आपको प्रसिद्धि दिलाएगा और आपके शत्रु का जीवन कष्टमय बना देगा। हर समय सतर्क रहें कुत्ता दुनिया का सबसे सजग और सतर्क प्राणी है। वह गहरी नींद भी सोता है लेकिन जरा सी आहट पर तुरंत सतर्क हो जाता है। उसी प्रकार इंसान को भी हर परिस्थिति में सतर्क रहना चाहिए। उसे हर किसी पर भरोसा करना चाहिए लेकिन सतर्क और सावधान रहना चाहिए। अगर आप ये गुण अपने अंदर ले आएंगे तो आपके ऊपर कभी भी कोई मुसीबत नहीं आएगी। Also Read: Poultry Farm: गर्मियों में मुर्गी पालन करते समय रखें इन खास बातों का ध्यान हर कीमत पर संकट का सामना करना कुत्ता बहुत बहादुर प्राणी है. अकेले होने पर भी वह मुसीबत से डरता नहीं, बल्कि उसका सामना करता है। उसी प्रकार मनुष्य को भी हर परिस्थिति में बड़े से बड़े संकट का सामना करना पड़ता है। कठिन परिस्थितियों का सामना करके ही व्यक्ति अंदर से मजबूत बनता है। हम सभी को किसी भी समस्या से डरना नहीं चाहिए और हर परिस्थिति में उसका साहसपूर्वक सामना करना चाहिए। जीवन से संतुष्ट रहें चाणक्य नीति के अनुसार कुत्ता संतोषी स्वभाव का प्राणी है. दिन भर मालिक उसे जो भी भोजन-पानी देता है, वह उसी से संतुष्ट रहता है। उसी प्रकार मनुष्य को भी अपनी आवश्यकताओं एवं अपेक्षाओं को पूरा करना चाहिए। जरूरत से ज्यादा चीजें इकट्ठा करने की आदत इंसान को मानसिक तनाव से भर देती है। और आप अंदर से कमजोर हो जाते हैं. जिसका लोग गलत फायदा उठाते हैं।

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