अब कंगना थप्पड़ कांड में उनकी एंट्री... कर दिया ये बड़ा ऐलान;

हिमाचल से नवनिर्वाचित भाजपा सांसद कंगना रनौत को गत गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ की महिला सुरक्षा कर्मी कुलविंदर कौर द्वारा थप्पड़ मारे जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। कुलविंदर कौर के निलंबन के बाद अब इस मामले में किसान संगठनों ने भी अपनी एंट्री कर दी है। किसान संगठनों ने 9 जून को मोहाली के गुरुद्वारा श्री अंब साहिब में एकत्र होकर एसएसपी मोहाली कार्यालय तक पैदल इंसाफ मोर्चा निकालने का एलान किया है। इस इंसाफ मोर्चे के दौरान मोहाली एसएसपी को मांगों का ज्ञापन सौंपा जाएगा।

 
अब कंगना थप्पड़ कांड में उनकी एंट्री... कर दिया ये बड़ा ऐलान;

हिमाचल से नवनिर्वाचित भाजपा सांसद कंगना रनौत को गत गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ की महिला सुरक्षा कर्मी कुलविंदर कौर द्वारा थप्पड़ मारे जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। कुलविंदर कौर के निलंबन के बाद अब इस मामले में किसान संगठनों ने भी अपनी एंट्री कर दी है। किसान संगठनों ने 9 जून को मोहाली के गुरुद्वारा श्री अंब साहिब में एकत्र होकर एसएसपी मोहाली कार्यालय तक पैदल इंसाफ मोर्चा निकालने का एलान किया है। इस इंसाफ मोर्चे के दौरान मोहाली एसएसपी को मांगों का ज्ञापन सौंपा जाएगा।

शुक्रवार को जगजीत सिंह दल्लेवाल, सरवन सिंह पंधेर, अभिमन्यु कोहाड़, अमरजीत सिंह मोहरी, सुखजीत सिंह, जसविंदर लोंगोवाल, गुरिंदर भंगू, रंजीत राजू संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के किसान नेताओं ने कंगना रनौत मामले में पंजाब के डीजीपी गौरव यादव से मुलाकात की और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। सरवन सिंह पंधेर ने डीजीपी को बताया कि मामले को राजनीतिक रंग देकर पुलिस पर सीआईएसएफ महिला सुरक्षा कर्मी के खिलाफ गलत धाराओं में मामला दर्ज करने का दबाव बनाया जा रहा है। पंधेर ने निष्पक्ष जांच की मांग करने की अपील की है।

पंजाब डीजीपी से मिलने से पहले चंडीगढ़ स्थित किसान भवन में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने मीडिया से बातचीत की। इस दौरान दल्लेवाल और पंधेर ने केंद्र सरकार को घेरा। पंधेर ने कहा कि किसानों के गुस्से के कारण ही इस बार पंजाब में भाजपा का सफाया हो गया। किसान आंदोलन का असर सिर्फ पंजाब में ही नहीं बल्कि देशभर में रहा। किसान नेताओं ने कहा कि आने वाले समय में आंदोलन का विस्तार हरियाणा और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में किया जाएगा, जिसके लिए रणनीति बनाई जा रही है।

हरियाणा-राजस्थान सहित देश-विदेश की हर खबर सबसे पहले पाने के लिए हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े 👇👇 ज्वाइन करें

मानसा के वकील जसवंत सिंह लड़ेंगे कुलविंदर कौर के पक्ष में कानूनी लड़ाई

सांसद कंगना रनौत को थप्पड़ मारने वाली सीआईएसएफ कर्मचारी कुलविंदर कौर के लिए मानसा के वकील जसवंत सिंह ग्रेवाल कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। वह कुलविंदर कौर के परिवार से बात करने और घटनास्थल का जायजा लेने के लिए चंडीगढ़ रवाना हो गए हैं। उन्होंने अन्य वकीलों से भी कुलविंदर कौर के पक्ष में कानूनी लड़ाई लड़ने में मदद करने की अपील की है।

ग्रेवाल ने बताया कि जब कुलविंदर कौर एयरपोर्ट पर ड्यूटी पर थीं, उसी दौरान कंगना दिल्ली जाने के लिए वहां पहुंचीं। कुलविंदर कौर ने अपनी ड्यूटी निभाते हुए सभी यात्रियों से सुरक्षा कारणों से अपने सामान की जांच करवाने को कहा, तो कंगना ने उनसे बहस की और भला बुरा कहा। इससे नाराज कुलविंदर कौर ने कंगना को थप्पड़ मार दिया। जसवंत सिंह ने कहा कि वह कुलविंदर कौर के पक्ष में हर तरह की कानूनी लड़ाई में उनका साथ देंगे।

हरियाणा में फिर किसान आंदोलन की सुगबुगाहट

हरियाणा में एक बार फिर किसान आंदोलन शुरू हो गया है। मोहाली एयरपोर्ट पर भाजपा सांसद कंगना रनौत को सीआईएसएफ की महिला सिपाही द्वारा थप्पड़ मारे जाने के बाद किसान संगठन अचानक अलर्ट मोड पर आ गए हैं। भारतीय किसान यूनियन समेत प्रदेश के किसान संगठनों ने महिला सिपाही का स्वागत किया और हर स्थिति में उनका साथ देने का वादा भी किया है। उधर, किसान आंदोलन की चर्चा फिर शुरू होने के बाद खुफिया एजेंसियां ​​सक्रिय हो गई हैं। किसान संगठनों पर निगरानी बढ़ा दी गई है और उनकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 13 फरवरी से पंजाब में किसान आंदोलन शुरू हो गया था। किसानों ने दिल्ली कूच करने के लिए पूरा जोर लगा दिया, लेकिन वे शंभू बॉर्डर से आगे नहीं बढ़ पाए। हरियाणा पुलिस ने पुख्ता इंतजाम कर किसानों को रोक लिया था।

इस दौरान हरियाणा में किसानों ने सिर्फ धरना-प्रदर्शन कर अपनी ताकत का अहसास कराया था। भारतीय किसान यूनियन संगठनों ने ट्रैक्टर मार्च भी किया था। हालांकि, उस समय हरियाणा में आंदोलन ज्यादा जोर नहीं पकड़ पाया था, क्योंकि हरियाणा में बीकेयू नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी और रतन मान इस बात से नाराज थे कि आंदोलन से पहले उनसे सलाह नहीं ली गई, इसलिए दिल्ली कूच पर सहमति नहीं बन पाई। हालांकि, लोकसभा चुनाव में किसान संगठनों ने भाजपा का खुलकर विरोध किया था। किसान आंदोलन का लोकसभा चुनाव के नतीजों पर साफ असर पड़ा और भाजपा को पांच सीटों का नुकसान हुआ। भाजपा की सीटें कम होने से किसान संगठन उत्साहित हैं।

हरियाणा में अक्टूबर माह में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए किसान आंदोलन की मंशा फिर से अपनी ताकत का अहसास कराने की है। हम महिला सिपाही और उसके परिवार के साथ हैं: चढ़ूनी
संविधान ने सभी को बोलने की आजादी दी है, लेकिन किसी के बारे में बुरा बोलने की नहीं। हम सीआईएसएफ की महिला सिपाही और उसके परिवार के साथ हैं। उन्हें आर्थिक और सामाजिक मदद दी जाएगी। कंगना ने किसानों और महिलाओं के बारे में अभद्र टिप्पणी की थी, यह घटना उसी की प्रतिक्रिया है।

जनप्रतिनिधियों को अपनी जुबान पर काबू रखना चाहिए। - गुरनाम सिंह चढ़ूनी, प्रदेश अध्यक्ष, भाकियू

सरकार के खिलाफ गांव-गांव जाएंगे, बैठक बुलाकर रणनीति बनाएंगे: मान
किसानों ने लोकसभा में भाजपा को अपनी ताकत का एहसास करा दिया है, अब विधानसभा चुनाव की बारी है। गांव-गांव जाकर सरकार के खिलाफ प्रचार किया जाएगा

Tags

Around the web