Farming: देश में किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किये जा रहे हैं। किसान खेती में नई कृषि तकनीकों का इस्तेमाल कर फसलों का उत्पादन बढ़ा सकें, इसके लिए सरकार की ओर से कई पहल शुरू की जा रही हैं. इस बीच देश में दाल और मक्के की खेती करने वाले किसानों के लिए सरकार की ओर से बड़ा कदम उठाया गया है. इसमें सरकार अरहर/तूर दाल के साथ-साथ मक्के की फसल भी सीधे किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य या उससे ऊपर पर खरीदेगी। इसके लिए सरकार की ओर से कल एक पोर्टल लॉन्च किया गया है. जल्द ही दलहन और मक्के की खेती करने वाले किसान इस पोर्टल पर अपनी उपज बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे.
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4 जनवरी को दिल्ली में दालों की आत्मनिर्भरता के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में अरहर/तूर दाल और मक्का की उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) या उससे ऊपर बेचने के लिए किसानों के पंजीकरण, खरीद और भुगतान के लिए ई-समृद्धि पोर्टल शुरू किया गया है। Farming: इस पोर्टल को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने लॉन्च किया है. अरहर/अरहर दाल उत्पादक और मक्का उत्पादक किसानों के लिए जल्द ही पोर्टल पर पंजीकरण शुरू किया जाएगा। ई-समृद्धि पोर्टल भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (NAFED) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ लिमिटेड (NCCF) द्वारा विकसित किया गया है।
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पोर्टल का उद्घाटन करते हुए सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज हमने दलहनी फसलें, विशेषकर अरहर/तूर दाल और मक्का उत्पादक किसानों से सीधी खरीद और भुगतान के लिए ई-समृद्धि पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल पर भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (NAFED) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ लिमिटेड (NCCF) के माध्यम से किसान पहले से पंजीकरण करके अरहर/तूर दाल बेचने की सुविधा प्राप्त कर सकेंगे। Farming: साथ ही उन्हें समर्थन मूल्य (एमएसपी) या उससे ऊपर बाजार मूल्य का भुगतान भी डीबीटी के माध्यम से मिल सकेगा. पोर्टल के इस लॉन्च से आने वाले दिनों में किसानों में समृद्धि आएगी, दलहन उत्पादन में देश की आत्मनिर्भरता आएगी और पोषण अभियान को भी बल मिलेगा। आने वाले दिनों में NAFED और NCCF इस पोर्टल पर मक्के का पंजीकरण भी करने जा रहे हैं, जो मक्का उत्पादकों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित होगा। इस पर इथेनॉल बनाने वाली फैक्ट्री के साथ-साथ सीधे एमएसपी पर मक्का बेचने की भी व्यवस्था की जाएगी, जिससे मक्का बोने वाले किसानों का शोषण नहीं होगा और पैसा सीधे उनके बैंक खाते में जाएगा।
Farming: इसका सीधा फायदा दाल उत्पादकों को होगा
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि कई बार सट्टेबाजों या किसी अन्य स्थिति के कारण दाल उत्पादकों को उचित दाम नहीं मिल पाता, जिससे उन्हें भारी नुकसान होता है. इस कारण किसान दालों की खेती करना पसंद नहीं करते थे। लेकिन अब जो किसान उत्पादन से पहले ही NAFED और NCCF में अपना पंजीकरण करा लेगा, उसकी दालें 100 फीसदी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदी जाएंगी.
Also Read: Identification mustard: सरसों में माहू कीट का नियंत्रण करें ऐसे, फलियां बननेगी पॉवर फूल Farming: दलहन की फसल आने पर यदि दालों की कीमत समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक होती है तो उसका औसत निकालकर अधिक कीमत पर दाल खरीदने का वैज्ञानिक फार्मूला तैयार किया गया है। इससे किसानों के साथ कभी अन्याय नहीं होगा और उन्हें अपनी उपज बेचने के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। किसानों से अपील है कि वे NAFED और NCCF में रजिस्ट्रेशन कराएं और सरकार किसानों की दलहन उपज खरीदेगी.
Farming: किसान इस तरह करा सकेंगे रजिस्ट्रेशन
सहकारिता मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, छत्तीसगढ़ और बिहार जैसे दलहन उत्पादक राज्यों के किसान ई-समृद्धि पोर्टल https://esamrikhi.in के माध्यम से दलहन के लिए अपनी भूमि का आकार पंजीकृत कर सकते हैं। / पर करवा सकते हैं। इसके बाद सरकार पंजीकृत उत्पादकों से उनकी उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) या बाजार मूल्य, जो भी अधिक हो, पर खरीदेगी और उपज की कीमत सीधे किसानों के बैंक खातों में स्थानांतरित कर दी जाएगी। इसके लिए आधार आधारित भुगतान के साथ एकीकृत कर उपज का मूल्य सीधे किसानों के बैंक खाते में हस्तांतरित करने की व्यवस्था की गई है।
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