Alert: स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बढ़ते खतरे को लेकर किया सावधान, दी सलाह- दवा लेते समय न करें ये गलती

 
Alert: स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बढ़ते खतरे को लेकर किया सावधान, दी सलाह- दवा लेते समय न करें ये गलती
Alert:  एंटीबायोटिक प्रतिरोध उन स्वास्थ्य जोखिमों में से एक है जिसे वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ते देखा जा रहा है। कई अध्ययन लगातार सचेत करते रहे हैं कि अगर समय रहते एंटीबायोटिक दवाओं के इस्तेमाल को लेकर सावधानी नहीं बरती गई तो भविष्य में गंभीर बीमारियों का खतरा काफी बढ़ सकता है। Also Read: Main spray in mustard: सरसों में फालियाँ आने पर रोगों से बचाव और चमकदार दानों के लिए जरूरी स्प्रे, जानें यहाँ एंटीबायोटिक प्रतिरोध की बढ़ती समस्या को लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने भी लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। Alert:   स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक पोस्ट के जरिए कहा, एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह पर ही करें, क्योंकि एंटीबायोटिक्स का अनुचित सेवन इसके प्रतिरोध को बढ़ा सकता है। यह स्थिति भविष्य के लिए गंभीर समस्या बन सकती है. एंटीबायोटिक प्रतिरोध जोखिम और रोकथाम स्वास्थ्य मंत्रालय भारत में एंटीबायोटिक प्रतिरोध के लिए सतर्क है Alert:   सबसे पहले जानिए कि एंटीबायोटिक प्रतिरोध क्या है? एंटीबायोटिक प्रतिरोध तब होता है जब रोगाणु बैक्टीरिया या कवक जैसे रोगाणुओं को मारने के लिए डिज़ाइन की गई दवाओं के प्रति प्रतिरोध विकसित कर लेते हैं। Alert:   एंटीबायोटिक्स मुख्य रूप से संक्रमण की स्थिति में रोगजनकों को खत्म करने के लिए दी जाती हैं, लेकिन एंटीबायोटिक प्रतिरोध की स्थिति में ये दवाएं काम करना बंद कर देती हैं। ऐसे में दवा लेने के बाद भी कीटाणु मरते नहीं बल्कि बढ़ते रहते हैं। प्रतिरोधी संक्रमण का इलाज करना कठिन या असंभव भी हो सकता है। वैश्विक स्तर पर पिछले कुछ वर्षों में एंटीबायोटिक प्रतिरोध का खतरा तेजी से बढ़ता देखा गया है। Also Read: Kisan Andolan News: किन मुद्दों पर हुई सरकार से बातचीत, अब क्या हैं मांगें? सब कुछ जानिए
Alert:   मंत्रालय ने एंटीबायोटिक प्रतिरोध को लेकर आगाह किया
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, एंटीबायोटिक प्रतिरोध खतरनाक हो सकता है और सभी लोगों को इससे होने वाले खतरों के प्रति सावधानी बरतनी चाहिए। एंटीबायोटिक प्रतिरोध जीवन के किसी भी चरण में किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। एंटीबायोटिक प्रतिरोध का प्रभाव पशु चिकित्सा, मत्स्य पालन और कृषि क्षेत्रों पर भी पड़ता देखा गया है। यदि एंटीबायोटिक्स प्रभावी ढंग से काम नहीं करते हैं तो कई प्रकार की गंभीर संक्रामक बीमारियों का इलाज करना मुश्किल हो सकता है। एंटीबायोटिक प्रतिरोध जोखिम और रोकथाम स्वास्थ्य मंत्रालय भारत में एंटीबायोटिक प्रतिरोध के लिए सतर्क है
Alert:  एंटीबायोटिक प्रतिरोध का खतरा बढ़ रहा है
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के विशेषज्ञों का भी कहना है कि विश्व स्तर पर रोगाणुरोधी दवाओं के अत्यधिक और अनुचित उपयोग के कारण प्रतिरोध उत्पन्न हुआ है। सीडीसी का अनुमान है कि क्लीनिकों और आपातकालीन विभागों में एंटीबायोटिक्स दिए जाने वाले 28 प्रतिशत लोगों को उनकी आवश्यकता नहीं है। एंटीबायोटिक्स के अनावश्यक सेवन से खतरा हो सकता है।यदि किसी व्यक्ति में एंटीबायोटिक प्रतिरोध विकसित हो जाए और उसे हल्का सा भी संक्रमण हो तो इसके गंभीर रूप लेने का खतरा हो सकता है। एंटीबायोटिक प्रतिरोध जोखिम और रोकथाम स्वास्थ्य मंत्रालय भारत में एंटीबायोटिक प्रतिरोध के लिए सतर्क है
Alert:     क्या है विशेषज्ञों की सलाह?
अमर उजाला से बात करते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जिस गति से ये स्वास्थ्य जोखिम बढ़ रहे हैं, उस पर गंभीरता से ध्यान देना हमारे लिए जरूरी है। आप कुछ सरल सुझावों का पालन करके अपने जोखिमों को कम कर सकते हैं। हमेशा विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लेकर ही दवा लें। स्वयं डॉक्टर न बनें या बिना प्रिस्क्रिप्शन के, ओवर-द-काउंटर या इंटरनेट या यूट्यूब पर देखकर दवाएँ लेना शुरू न करें। दवाएँ जितनी लाभकारी होती हैं, दुरुपयोग होने पर वे और भी अधिक हानिकारक हो सकती हैं।

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