Gold Price: इस साल कितनी बढ़ सकती है सोने की कीमत? सर्वे में हुआ चौकनें वाला खुलासा

सोने की कीमतों में लोगों की हमेशा दिलचस्पी रहती है। निवेशक इसकी कीमतों में होने वाली तेजी और गिरावट को लाभ-हानि के नजरिए से देखते हैं, जबकि आभूषण खरीदार कीमतों में कमी का इंतजार करते हैं।
 
Gold Price: इस साल कितनी बढ़ सकती है सोने की कीमत? सर्वे में हुआ चौकनें वाला खुलासा

सोने की कीमतों में लोगों की हमेशा दिलचस्पी रहती है। निवेशक इसकी कीमतों में होने वाली तेजी और गिरावट को लाभ-हानि के नजरिए से देखते हैं, जबकि आभूषण खरीदार कीमतों में कमी का इंतजार करते हैं। हाल ही में जब चीन के सेंट्रल बैंक ने सोने की खरीद कम की तो सोने की कीमतों पर दबाव देखा गया।

फिलहाल चीन के अलावा कुछ अन्य देशों के केंद्रीय बैंक शायद शॉर्ट टर्म में सोना खरीदने से परहेज करेंगे। ये बैंक पिछले ढाई साल में सोने की खरीद को लेकर काफी आक्रामक रहे हैं। ऐसे में हर कोई इस सवाल का जवाब जानना चाहता है कि सोने में निवेश किया जाए या नहीं, क्योंकि मई में जहां हाजिर सोना 2,449.89 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था, वहीं फिलहाल यह 2,330 डॉलर प्रति औंस के भाव पर है। सोना खरीदने को लेकर सेंट्रल बैंक उत्साहित! ऐसे में निवेशकों का इस गिरावट से चिंतित होना स्वाभाविक है।

लेकिन वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल यानी WGC के हालिया सर्वे के बाद निवेशकों के कई सवालों के जवाब मिल गए हैं। WGC के 2024 सेंट्रल बैंक गोल्ड रिजर्व (CBGR) सर्वे में कहा गया है कि 29 प्रतिशत केंद्रीय बैंक अगले 12 महीनों में अपने सोने के भंडार को बढ़ाने के लिए उत्साहित हैं। पिछले साल के सर्वे में दुनिया के 24 प्रतिशत केंद्रीय बैंक अपने सोने के भंडार को बढ़ाने के लिए उत्साहित थे, जबकि 2022 में 25 प्रतिशत, 2021 में 21 प्रतिशत, 2020 में 20 प्रतिशत और 2019 में 8 प्रतिशत बैंक अगले 1 साल में सोने के भंडार को बढ़ाने के लिए उत्साहित थे। 2019 से किए जा रहे इस WGC सर्वे में केंद्रीय बैंकों ने इस साल सोना खरीदने को लेकर सबसे ज्यादा उत्साह जताया है।

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सोना खरीदने की वजह बदली!

WGC सर्वे के मुताबिक, केंद्रीय बैंक भविष्य में भी सोना खरीदना जारी रखेंगे क्योंकि भू-राजनीतिक तनाव और मुद्रास्फीति, ब्याज दरों जैसे व्यापक आर्थिक कारक इन बैंकों के लिए ज्यादा मायने रखेंगे। पिछले साल के सर्वे में पता चला था कि केंद्रीय बैंक सोने को उसके ऐतिहासिक महत्व के कारण खरीदते हैं। लेकिन इस साल के सर्वे में यह पांचवें स्थान पर खिसक गया और सोने की मुद्रास्फीति को मात देने की क्षमता सबसे बड़ी वजह बन गई है। खरीदारी की दूसरी बड़ी वजह संकट के समय में इस कीमती धातु का प्रदर्शन है, जबकि तीसरी वजह पोर्टफोलियो में विविधता लाने में सोने की भूमिका है और चौथी वजह डिफॉल्ट को लेकर सोने का जोखिम मुक्त होना है।

81 फीसदी केंद्रीय बैंक खरीदेंगे सोना!

सोने के भंडार में बढ़ोतरी को लेकर बैंकों की राय का जिक्र वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के इस सर्वे में भी किया गया है, जिसके मुताबिक 81 फीसदी केंद्रीय बैंकों का मानना ​​है कि अगले 12 महीनों में केंद्रीय बैंकों के कुल सोने के भंडार में बढ़ोतरी हो सकती है, जबकि 2023 के सर्वे में 71 फीसदी बैंकों ने ऐसी उम्मीद जताई थी।

वहीं, 2022 में 61 फीसदी, 2021 में 52 फीसदी, 2020 में 75 फीसदी और 2019 में 54 फीसदी केंद्रीय बैंकों ने अगले 1 साल में सोने के भंडार में बढ़ोतरी का अनुमान जताया था। अगर सोने की खरीदारी की बात करें तो वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के मुताबिक 2023 में दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ने 1,037 टन सोना खरीदा जो दूसरी सबसे बड़ी खरीदारी थी, जबकि 2022 में 1,082 टन की खरीदारी अब तक का रिकॉर्ड है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या 2024 में सोने के खरीदार पिछले 2 सालों का रिकॉर्ड तोड़ पाते हैं या नहीं।

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