संतान की सुरक्षा के लिए अहोई अष्टमी व्रत का महत्व!

अहोई अष्टमी 2024 संतान की लंबी उम्र और कामयाबी के लिए रखा जाता है यह व्रत। यह व्रत हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है,
 
 संतान की सुरक्षा के लिए अहोई अष्टमी व्रत का महत्व!

अहोई अष्टमी 2024: संतान की लंबी उम्र और कामयाबी के लिए रखा जाता है यह व्रत। यह व्रत हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है, खासकर माताएं अपनी संतानों के कल्याण के लिए इसे करती हैं 

अहोई अष्टमी 2024 की तिथि और शुभ मुहूर्त

अहोई अष्टमी की तिथि गुरुवार, 24 अक्टूबर 2024 को दोपहर 1:18 बजे से शुरू होगी और अष्टमी तिथि का समापन शुक्रवार, 25 अक्टूबर 2024 को दोपहर 1:58 बजे होगा ¹। पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:42 बजे से 6:59 बजे तक होगा, जो कुल 1 घंटा 17 मिनट का समय है 

अहोई अष्टमी व्रत की विधि

अहोई अष्टमी के दिन माताएं सुबह जल्दी स्नान करके व्रत का संकल्प लेती हैं और दिनभर बिना जल ग्रहण किए उपवास रखती हैं ¹। संध्या समय अहोई माता की पूजा की जाती है, जिसमें दीवार पर अहोई माता और साही की आकृति बनाई जाती है और उनके समक्ष दीपक जलाया जाता है ¹। पूजा में चावल, दूध, रोली और अन्य सामग्री का उपयोग किया जाता है 

अहोई अष्टमी व्रत की कथा

अहोई अष्टमी व्रत की पौराणिक कथा के अनुसार, एक स्त्री दीवाली से पहले अपने घर को सजाने के लिए जंगल में मिट्टी खोदने गई, जहां उसके खुरपी से एक साही (साही की संतान) मर गई ¹। उस साही की मृत्यु से स्त्री को बहुत दुख हुआ और जब वह घर लौटी, तो उसके सारे बच्चे एक-एक कर मरने लगे ¹। दुखी होकर उसने अपनी गलती की माफी मांगने के लिए व्रत रखा और सच्चे मन से अहोई माता की पूजा की ¹। उसकी भक्ति और पश्चाताप से प्रसन्न होकर देवी ने उसके बच्चों को फिर से जीवित कर दिया 

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लाभ

इस व्रत को करने से संतान की उन्नति, उनकी सुरक्षा और उनके सुखमय जीवन की प्राप्ति होती है ¹।

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