Haryana: कर्ज से उबर नहीं पा रहे हरियाणा के किसान, एक साल में पांच लाख बढ़ गए कर्जदार

 
Haryana: कर्ज से उबर नहीं पा रहे हरियाणा के किसान, एक साल में पांच लाख बढ़ गए कर्जदार
Haryana: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट से मिले आँकड़े हैं कि प्रदेश में सबसे अधिक आदिवासी जिलों के किसानों ने कृषि ऋण लिया है। हरियाणा में खरीफ फसल के लिए बैंकों से कर्ज लेने वाले किसानों की संख्या बीते साल के मुकाबले लगभग दोगुनी हो गई है। किसान क्रेडिट कार्ड से इस बार 11.49 लाख किसानों ने तीन लाख रुपये तक का लोन लिया है जबकि बीते साल इस सीजन में 6.58 लाख किसानों ने ही कर्ज लिया था। कुछ किसानों का मानना है कि मौसम की मार से फसल खराब होने, बाजार में अपेक्षाकृत भाव कम मिलने और कृषि लागत बढ़ने से बार-बार कर्ज लेने की नौबत आ रही है। दूसरी तरफ बैंक भी बार-बार मैसेज और फोन करके लोन लेने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। वहीं बैंकों का दावा है कि आढ़तियों के ज्यादा ब्याज वसूली से त्रस्त किसानों को अब बैंकों से सस्ते दर पर लोन लेने का बेहतर विकल्प मिल गया है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट से मिले आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में सबसे अधिक भिवानी जिले के किसानों ने फसली ऋण लिया है। कृषि मंत्री जेपी दलाल के गृह जिले के किसान सर्वाधिक कर्ज के जंजाल में उलझे हुए हैं। इस साल खरीफ सीजन में भिवानी जिले के लिए 3,34,974 किसानों ने कर्ज लिया है, जबकि बीते साल इस सीजन में सिर्फ 1,08,463 किसानों ने ही लोन लिया था। कर्ज लेने में दूसरे नंबर पर सिरसा है, जहां के  2,67,743 किसानों ने फसली ऋण लिया है। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक हिसार में केवल 38,302 किसानों ने लोन लिया है, जबकि वास्तविक आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा हो सकता है।
अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश सचिव डा. बलबीर सिंह ठाकन का कहना है कि लगातार फसल खराब होने और फसलों का भाव कम मिलने से  छोटे और सीमांत किसान संकट में है और वे कई वर्षों से कर्ज से उबर नहीं पा रहे हैं। बैंकों ने ज्यादातर किसानों की क्रेडिट लिमिट 20 लाख रुपये तक बढ़ दी है। तीन लाख से ज्यादा लोन लेने पर किसानों को 11 प्रतिशत की दर से ब्याज देना पड़ता है। अधिकारी के अनुसार क्रेडिट कार्ड से लोन के प्रति किसानों का रुझान इसलिए बढ़ा है, क्योंकि ये किसानों की जरूरतों को पूरा कर रहा है। इसके लिए किसानों को मात्र सात फीसदी ब्याज भरना होता है, अगर समय से भुगतान करता है तो तीन फीसदी सब्सिडी भी सरकार दे रही है। सामान्य बैंक किसानों को नौ से 11 फीसदी ब्याज पर ही ऋण मुहैया करा रहे हैं। फसलों की बिजाई से लेकर कटाई तक किसानों का काफी खर्च हो जाता है जो लोन लेने के बाद काम आसान हो

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