राव इंद्रजीत का शक्ति प्रदर्शन, उनसे मिलने पहुंचे 8 विधायक: बहुमत पर भाजपा से कहा- हमने अपना काम कर दिया, अब पार्टी को देखना है

 हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी की होड़ मची हुई है। राव इंद्रजीत सिंह और अनिल विज दोनों ही मजबूत दावेदार हैं। पढ़ें पूरी खबर।
 
राव इंद्रजीत का शक्ति प्रदर्शन, उनसे मिलने पहुंचे 8 विधायक: बहुमत पर भाजपा से कहा- हमने अपना काम कर दिया, अब पार्टी को देखना है
हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी की होड़ मची हुई है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बिंदु हैं:

मुख्यमंत्री पद के दावेदार

अंबाला कैंट से विधायक अनिल विज पहले ही मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं। अब गुरुग्राम से सांसद और अहीरवाल बेल्ट के कद्दावर नेता राव इंद्रजीत सिंह भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हो गए हैं.

राव इंद्रजीत सिंह की मजबूती

भाजपा ने अहीरवाल बेल्ट से 11 में से 10 सीटें जीती हैं, जिससे राव इंद्रजीत सिंह की महत्ता बढ़ गई है। रेवाड़ी और गुरुग्राम जिलों में भाजपा का प्रदर्शन उम्मीद से बेहतर रहा है, जहां राव इंद्रजीत सिंह की पसंद के उम्मीदवारों को टिकट दी गई थी।

राव इंद्रजीत सिंह का समर्थन

राव इंद्रजीत सिंह के समर्थन में कई विधायक हैं, जिनमें से 8 विधायकों से उन्होंने मुलाकात की है। महेंद्रगढ़ से कंवर सिंह यादव ने भी राव इंद्रजीत सिंह को समर्थन दिया है।

विरोधी

बादशाहपुर से जीते राव नरबीर सिंह राव इंद्रजीत सिंह के विरोधी हैं। राव नरबीर सिंह की हाईकमान तक मजबूत पकड़ है, और वे 2014 में मनोहर लाल खट्टर की सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।

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मंत्री पद के दावेदार

बिमला चौधरी और कृष्ण कुमार भी मंत्री पद की दौड़ में हैं। राव इंद्रजीत सिंह अपनी बेटी आरती राव के लिए भी मंत्री पद की मांग रख सकते हैं।

चुनौतियाँ और अवसर

हरियाणा के नए मुख्यमंत्री के लिए कई चुनौतियाँ और अवसर होंगे। उन्हें राज्य के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लेने होंगे, साथ ही साथ भाजपा की विरासत और मूल्यों को बनाए रखना होगा।

निष्कर्ष

हरियाणा में भाजपा की जीत के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी की होड़ मची हुई है। राव इंद्रजीत सिंह और अनिल विज दोनों ही मजबूत दावेदार हैं, लेकिन अंतिम निर्णय भाजपा हाईकमान के हाथ में है।

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