Reasons for period pain: पीरियड के समय पेट के निचले हिस्से में हल्की ऐंठन या दर्द होना सामान्य बात है। पीरियड शुरू होने से कुछ दिन पहले भी बहुत-सी महिलाएं कमर के निचले हिस्से और पैरों में दर्द की शिकायत करती हैं। लेकिन कुछ महिलाओं को मासिक धर्म के समय पेट में बहुत ज्यादा तेज दर्द होता है। अकसर यह दर्द इतना तेज होता है कि चलना-फिरना तक दूभर हो जाता है। विभिन्न शोध बताते हैं कि अंदाजन 90 फीसदी महिलाएं अपने मासिक चक्र के दौरान कम या ज्यादा दर्द का अनुभव करती हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि ज्यादातर महिलाओं को मासिक धर्म शुरू होने के बाद करीब छह महीने से एक साल तक माहवारी के दौरान पेट में ऐंठन महसूस हो सकती है, लेकिन दर्द बहुत ज्यादा होता हो तो इसे नजरंदाज नहीं करना चाहिए।
Also Read: Vijaya Ekadashi 2024: जानें कब है विजया एकादशी, आज से ही नोट कर लें सही डेट मुहूर्त और पूजाविधि Reasons for period pain: क्यों होता है दर्द
पीरियड में दर्द होने के कारण अलग-अलग हो सकते हैं, जो पारिवारिक और शारीरिक कारणों पर निर्भर करते हैं। आमतौर पर जब किसी भी लड़की को पीरियड शुरू होता है, उस वक्त उसे दर्द नहीं होता है। पर, बढ़ती उम्र के साथ पीरियड और दर्द का यह नाता मजबूत होता चला जाता है। अत्यधिक रक्तस्राव, धूम्रपान, अनियमित मासिक धर्म, पेल्विक इंफ्लामेट्री डिजीज, सर्वाइकल स्टेनोसिस और एंडोमेट्रियोसिस जैसी मेडिकल स्थितियों की वजह से भी हो सकता है, इसलिए जरूरी है कि सामान्य से ज्यादा दर्द होने पर चिकित्सक से सलाह ली जाए।
Reasons for period pain: एंडोमेट्रियोसिस
यह एक प्रकार की शारीरिक स्थिति है, जिसमें महिला के गर्भाशय की परत के समान ऊतक गर्भाशय के बाहर बढ़ना शुरू हो जाते हैं। इसकी वजह से गर्भाशय में सूजन और पेट में दर्द की समस्या हो सकती है। एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिलाओं को पीरियड के दौरान खासतौर पर ज्यादा दर्द महसूस होता है।
Reasons for period pain: यूट्रीन फाइब्राइड्स
कभी-कभी गर्भाशय में गांठें बनने लगती हैं। यह वैसे तो हानिकारक नहीं होती और ना ही इनका कैंसर से कोई संबंध होता है, लेकिन इनके होने से मासिक धर्म के दौरान काफी तेज दर्द होने लगता है। असल में फाइब्राइड्स पीरियड्स के दौरान पेट में ऐंठन और दर्द की तीव्रता को बढ़ा देते हैं, नतीजतन पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द होने लगता है।
Reasons for period pain: प्रोस्टाग्लैंडिस
महिला के शरीर में गर्भाशय पर एक परत होती है, जिसे यूट्रस लार्इंनग के नाम से जाना जाता है। यह लाइनिंग प्रोस्टाग्लैंडीन नामक एक केमिकल का स्राव करती है। इस केमिकल का सामान्य मात्रा से ज्यादा स्राव पीरियड के दौरान बहुत तीव्र और दर्दनाक यूट्रीन कॉन्ट्रैक्शन यानी गर्भाशय में संकुचन पैदा कर सकता है, जिसकी वजह से पीरियड के दौरान असहनीय पीड़ा होती है।
Reasons for period pain: मेंसट्रुअल क्रैंप
सामान्य अवस्था में यूट्रीन कॉन्ट्रैक्शन गर्भाशय की लार्इंनग को हटाने के लिए होते हैं, जिसकी वजह से पेट में ऐंठन महसूस होती है। लेकिन सभी महिलाओं को इस ऐंठन का समान अनुभव नहीं होता है। इसकी तीव्रता और गंभीरता अलग-अलग महिलाओं को अलग-अलग तरह से महसूस हो सकती है। ज्यादा तीव्रता यानी ज्यादा दर्द।
Reasons for period pain: क्या है उपाय
पीरियड के दौरान व्यायाम करने से शरीर में एंडोर्फिन नाम के हार्मोन का स्राव ज्यादा होने लगता है, जिससे दर्द की अनुभूति नहीं होती है। इसलिए मासिक धर्म के दौरान हल्का-फुल्का व्यायाम अवश्य करें। यदि कसरत करना संभव ना हो तो सामान्य गति से टहलने से भी राहत मिलती है क्योंकि ऐसा करने से पेल्विक मसल्स का तनाव दूर होता है और दर्द की ऐंठन भी कम महसूस होती है। नियमित रूप से सूर्य नमस्कार का अभ्यास पेट और पेल्विक मसल्स को मजबूत बनाता है। बद्ध कोणासन और सुप्त बद्ध कोणासन रक्त के प्रवाह को बढ़ाने के साथ-साथ अंडाशय की कार्यप्रणाली को भी दुरुस्त रखता है। पूरा दिन भरपूर पानी पिएं ताकि सूजन में राहत मिले।
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पीरियड शुरू होने से एक सप्ताह पहले से 4-5 भीगी किशमिश और केसर का सुबह उठते ही सेवन करें। दर्द से राहत मिलेगी। केले का सेवन मासिक धर्म की तकलीफ को प्रभावशाली तरीके से कम करता है। इसमें मौजूद विटामिन-बी 6 और पोटैशियम सूजन और ऐंठन में बहुत फायदा देता है। अरबी, मूली और शकरकंद जैसी जड़ वाली सब्जियों में पॉलीफेनॉल और फाइबर भरपूर मात्रा में होता है, जो दर्द में राहत पहुंचाता है। सप्ताह में कम से कम दो बार ऐसी सब्जियां अवश्य खाएं। बाजरा, चौलाई आदि जैसे साबुत अनाज सूजन कम कर दर्द को नियंत्रित करते हैं। शुद्ध देसी घी का सेवन पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाता है।