Farmer Protest: दिल्ली में संसद घेराव आज करेंगे किसान, चिल्ला बॉर्डर बंद करने की चेतावनी जारी
Feb 8, 2024, 06:45 IST

Farmer Protest: महामाया फ्लाईओवर के पास इकट्ठा होंगे किसान
ये सभी एकजुट होकर बृहस्पतिवार को संसद भवन का घेराव करने के साथ दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना भी देंगे। किसान दोपहर करीब एक बजे महामाया फ्लाईओवर के पास एकत्र होंगे। यहां से पैदल और ट्रैक्टर ट्राली के जरिये चिल्ला बॉर्डर से दिल्ली में प्रवेश करेंगे। इसके बाद दिल्ली की ओर जाएंगे।Farmer Protest: चिल्ला बॉर्डर बंद करने की चेतावनी
भारतीय किसान परिषद राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखवीर खलीफा ने कहा कि यदि किसी ने किसानों को रोकने का प्रयास किया तो चिल्ला बॉर्डर पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। यहां भी धरना शुरू किया जाएगा। सुखबीर खलीफा ने कहा कि हजारों संख्या में मातृशक्ति, युवा और बुजुर्ग धरने में उपस्थित रहेंगे। संसद भवन में बैठे नीतिकारों से पूछा जाएगा कि किसान तो सड़क पर बैठे हुए हैं, आप किसके लिए नीति बना रहे हैं। बहुत पीड़ा सहन कर ली है। अब आर-पार की लड़ाई हो जानी चाहिए। अपनी तरफ से कोई कमी नहीं करेंगे। ठोस कदम उठाया जाएगा। यहां से लेकर एनटीपीसी और ग्रेटर नोएडा तक पीड़ित है। यहां जो होगा स्पष्ट होगा।Farmer Protest: 81 गांवों के किसानों का प्राधिकरण से विवाद
नोएडा प्राधिकरण ने भू-अर्जन अधिनियम 1984 में वर्णित प्रविधान के मुताबिक 16 गांव की 19 अधिसूचनाओं को एक किसान की ओर से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। इस चुनौती पर उच्च न्यायालय ने किसानों को 64.70 प्रतिशत की दर से मुआवजा और 10 प्रतिशत आबादी भूखंड देने का आदेश 21 अक्टूबर 2011 को दिया गया। इस आदेश में ऐसे किसान जिनकी याचिका खारिज कर दी गई या जो न्यायालय नहीं गए, उनका निर्णय प्राधिकरण को लेने का निर्देश दिया गया।Farmer Protest: न्यायालय के आदेश
न्यायालय के आदेश के बाद प्राधिकरण ने 191वीं बोर्ड बैठक में निर्णय लिया कि 10 प्रतिशत विकसित आबादी भूखंड (जिन्हें पूर्व में 5 प्रतिशत विकसित आबादी भूखंड मिल चुका है उन्हें अतिरिक्त 5 प्रतिशत भूखंड) या इसके क्षेत्रफल के समतुल्य मुआवजा सिर्फ उन्हीं किसानों को दिया जाएगा, जो उच्च न्यायालय के आदेश 21 अक्टूबर 2011 में शामिल हुए थे। प्राधिकरण ने माना कि ऐसे किसान जिन्होंने न्यायालय में अधिसूचना को चुनौती दी, लेकिन उनकी याचिका को निरस्त कर दिया गया और ऐसे किसान जिन्होंने अधिसूचना को चुनौती ही नहीं दी। वे पात्र नहीं है। Also Read: Force Orchard 30: बागवानी के लिए 30 HP का मशहूर जानदार ट्रैक्टर, जानें इसके फीचर्स और कीमतFarmer Protest: इन मांगों पर हुआ था समझौता
1997 के बाद के सभी किसानों को बढ़ी दर से मुआवजा दिया जाए। चाहे वह कोर्ट गए हो या नहीं। किसानों को 10 प्रतिशत विकसित भूखंड दिया जाए। आबादी जैसी है, वैसी छोड़ी जाए। विनियमितीकरण की 450 वर्गमीटर सीमा को बढ़ाकर 1000 वर्ग मीटर किया जाए। भूमि उपलब्धता न होने के कारण पात्र किसानों के 5 प्रतिशत आबादी भूखंड भू-लेख विभाग में नहीं रोके जाएंगे। उनका नियोजन किया जाए।