Agriculture: हजारों किसानों की चिंताएं बढ़ीं; बैंक खाते से कट गए रुपये; ना हुआ फसल बीमा, ना बनी आईडी

 
Agriculture: हजारों किसानों की चिंताएं बढ़ीं; बैंक खाते से कट गए रुपये; ना हुआ फसल बीमा, ना बनी आईडी
Agriculture:  फसल बीमा योजना को लेकर किसान सरकार और बीमा कंपनी के बीच फंसकर खड़े हो गए हैं। करीब दो लाख किसानों के खाते से प्रीमियम राशि काटी गई थी, इस बीच बीमा कंपनी ने बीमा करने से मना कर दिया था। जिस सरकार ने बीमा करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। Also Read:Murder in Rohtak: युवक की गोली मारकर हत्या, बाइक सवार युवकों ने की वारदात
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रदेश के हजारों किसानों के पैसे खाते से कटने के बावजूद उनकी आईडी अब तक नहीं बन पाई है। बताया जा रहा है कि नेशनल क्रॉप इंश्योरेंस पोर्टल के सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी की वजह से प्रदेश के कई जिलों में किसानों की आईडी समय पर नहीं बन पाई। वहीं, कलस्टर दो में आने वाले हिसार समेत सात जिलों के किसानों के लिए बीमा कंपनी तय नहीं हो पाई है।
हालांकि सरकार ने पिछले महीने ही घोषणा की थी कि कलस्टर दो के अंतर्गत आने वाले जिलों के किसानों की फसलों का बीमा राज्य सरकार करेगी। मगर सरकार की ओर से अब तक कोई दिशा-निर्देश नहीं जारी हुए हैं। इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। इन जिलों के करीब दो लाख किसानों के खाते से प्रीमियम राशि कट गई थी, लेकिन इस बीच बीमा कंपनी ने बीमा करने से मना कर दिया था।
अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश सचिव डॉ. बलबीर ठाकर ने बताया कि बीमा प्रीमियम के रूप में प्रति एकड़ 2000 रुपये के हिसाब से किसानों के खाते से कट गए। इसकी आखिरी तिथि 15 अगस्त थी। पैसे कटने के बाद भी किसानों का डाटा समय पर पोर्टल पर अपलोड नहीं होने से किसानों की आईडी नहीं बन पाई। भिवानी और चरखी दादरी क्षेत्र में अक्षेमा कंपनी को बीमा की प्रीमियम राशि दी जानी है। 

काम एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी को सौंपा गया

हरियाणा सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत तीन क्लस्टर बनाए हुए हैं। हर क्लस्टर में अलग-अलग जिले शामिल हैं। क्लस्टर दो में अंबाला, करनाल, सोनीपत, हिसार, जींद, महेंद्रगढ़ और गुरुग्राम शामिल हैं। क्लस्टर दो का काम एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी को सौंपा गया था। जुलाई तक करीब दो लाख किसानों के खाते से प्रीमियम राशि काट ली गई थी। खरीफ की हर फसल का अलग-अलग प्रीमियम भरना होता है। इस बीच कंपनी ने फसलों का बीमा करने से मना कर दिया था। किसानों के पैसे बैंकों में जमा है, मगर सरकार की ओर से अब तक कोई दिशा-निर्देश नहीं जारी हुए हैं। बैंक भी सरकार की गाइडलाइन का इंतजार कर रहे हैं।

किसानों को आईडी भी जारी नहीं की

सर्व ग्रामीण बैंक ओबरा के किसान क्रेडिट कार्ड धारकों की प्रीमियम राशि खाते से काट ली गई है और बैंक ने उन किसानों को आईडी भी जारी नहीं की है। कई किसानों ने बैंक मैनेजर से बात की तो उन्होंने कहा कि पोर्टल बंद होने की वजह से आईडी जारी नहीं कर सके। वहीं कई किसान एचडीएफसी बैंक लोहारू से केसीसी धारक हैं और उन्हें आईडी जारी की जा चुकी है।

किसानों को आशंका है कि आईडी के बिना कही बीमा क्लेम से वंचित न रह जाए। क्योंकि कपास की फसल गुलाबी सुंडी की चपेट में आने से बर्बाद हो गई है। किसानों का बीमा क्लेम कटने के बाद आईडी जनरेट न होने की कई बार समस्या आई है। कोई किसान शिकायत लेकर आता है तो उसको बैंक अधिकारी के पास भेज देते हैं या हम अपने स्तर पर बैंक को किसान की शिकायत भेज देते हैं।

अधिकारी के अनुसार

इस बार हिसार कवर ही नहीं हो रहा है। हमें किसी कंपनी के पास पैसा ही जमा नहीं करवाना है। अब किसानों के खातों से कटे हुए पैसे का क्या करना है, इस बारे में सरकार की तरफ कोई गाइडलाइन आने के बाद ही आगामी कार्रवाई की जाएगी।

बीमा राज्य सरकार करेगी, जल्द जारी होंगे दिशा निर्देशः दलाल

हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने इस बारे में कहा, मैंने पहले भी कहा था कि कलस्टर -2 में जिन किसानों का प्रीमियम कट चुका था, उन किसानों की फसलों का बीमा राज्य सरकार करेगी। हिसार भी कलस्टर-2 में आता है। इसके लिए कार्रवाई जारी है। जल्द ही इस संबंध में दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए जाएंगे। वहीं, जिन जिलों में बीमा कंपनी ने किसानों की फसलों का बीमा किया हुआ है, वहां मुआवजा देने की जिम्मेदारी बीमा कंपनी की है। इससे कंपनी पीछे नहीं हट सकती।

Around the web