Carrot Farming: एंटीऑक्सीडेंट का खजाना काली गाजर से किसान प्रति एकड़ कमा सकते हैं लाखों, जानें विधि

 
Carrot Farming: एंटीऑक्सीडेंट का खजाना काली गाजर से किसान प्रति एकड़ कमा सकते हैं लाखों, जानें विधि
Carrot Farming: गाजर खाना हर एक व्यक्ति को पसंद होता है वहीं इसकी खेती पूरे भारत में की जाती है। गाजर में विटामिन एए विटामिन के और विटामिन सी प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं। गाजर खाने से इंसान की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। खास बात यह है कि गाजर के अंदर भारी मात्रा में फाइबर पाया जाता है। ऐसे में इसका सेवन करने से कब्ज की समस्या दूर होती है और पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है। यही कारण है कि बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है। ऐसे में अगर कोई किसान भाई काली गाजर की खेती करें तो अच्छी आमदनी कर सकता है। Also Read: PM Kisan Yojana: देश के 81000 किसानों को लौटानी होगी किस्त की रकम, लिस्ट में देखें अपना नाम Carrot Farming: लोग सोचते हैं कि गाजर का रंग सिर्फ लाल होता है, लेकिन ऐसा नहीं है। काली गाजर भी है। इसमें लाल गाजर से भी ज्यादा विटामिन और पोषक तत्व पाए जाते हैं। काली गाजर का सेवन ज्यादातर सलाद, हलवा और जूस के रूप में किया जाता है। वहीं, कई लोग काली गाजर का इस्तेमाल औषधि के रूप में भी करते हैं। खास बात यह है कि काली गाजर की खेती उत्तर भारत के उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों में की जा रही है।
Carrot Farming: खेती के लिए उचित है 15 से 30 डिग्री तापमान
Carrot Farming: काली गाजर की खेती के लिए 15 से 30 डिग्री का तापमान बेहतर माना जाता है। अगर किसान काली गाजर की खेती करना चाहते हैं तो सबसे पहले खेत की कई बार अच्छी तरह जुताई कर लें। इसके बाद खेत में पहले से तैयार वर्मीकम्पोस्ट डालें और मेड़ लगाकर खेत को समतल कर लें। फिर क्यारी तैयार कर बीज बो दें। अगर आप एक हेक्टेयर में काली गाजर की खेती कर रहे हैं तो आपको 5 से 6 किलोग्राम बीज की जरूरत पड़ेगी। बीज बोने के 10 दिन बाद अंकुरित होनी शुरू हो जाता है। Carrot Farming: एंटीऑक्सीडेंट का खजाना काली गाजर से किसान प्रति एकड़ कमा सकते हैं लाखों, जानें विधि काली गाजर
Carrot Farming: हो जाती है प्रति हेक्टेयर 8 से 10 टन तक पैदावार
Carrot Farming: यदि आप बीज बोने से पहले 24 घंटे तक पानी में भिगो दें तो बीज जल्दी अंकुरित हो जाते हैं। लाल गाजर की तरह काली गाजर की फसल भी 80 से 90 दिन में तैयार हो जाती है। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक आपको प्रति हेक्टेयर 8 से 10 टन तक उपज मिल सकती है। बाजार में काली गाजर की कीमत 40 से 50 रुपये प्रति किलो है। इस तरह किसान भाई एक हेक्टेयर में खेती करके लाखों रुपये कमा सकते हैं। Also Read: Animal Husbandry: अगर आप सर्दी के मौसम में गाय-भैंसों का दूध उत्पादन बढ़ाना चाहते हैं तो उन्हें खिलाएं ये आहार
काली गाजर के सेवन के फायदे
वजन कम करना
मोटापा कम करने के लिए काली गाजर बहुत फायदेमंद होती है। काली गाजर में पॉलीफेनोल पाया जाता है जो वजन कम करने में सहायक होता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला
काली गाजर का सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। गाजर में विटामिन सी पाया जाता है जो सर्दियों में फ्लू से बचाने में सहायक होता है। Also Read: Garlic Varieties: कृषि वैज्ञानिकों ने ईजाद की लहसुन की 4 नई किस्में, प्रति एकड़ होगी 80 से 100 क्विंटल पैदावार
गठिया की समस्या
गठिया की समस्या से छुटकारा पाने के लिए काली गाजर बहुत फायदेमंद होती है। काली गाजर में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो गठिया रोग से बचाते हैं। Carrot Farming: एंटीऑक्सीडेंट का खजाना काली गाजर से किसान प्रति एकड़ कमा सकते हैं लाखों, जानें विधि काली गाजर के फायदे
तनाव
काली गाजर का सेवन करने से ना सिर्फ सेहत अच्छी रहती है बल्कि तनाव से भी राहत मिलती है। गाजर में विटामिन बी1 पाया जाता है जो तंत्रिका तंत्र के लिए फायदेमंद हो सकता है।
दृष्टि के लिए
आंखों की सेहत के लिए काली गाजर बहुत फायदेमंद होती है। आंखों को स्वस्थ रखने के लिए रोजाना काली गाजर का सेवन करना चाहिए। गाजर में एंथोसायनिन फ्लेवोनोइड पाया जाता है जो रेटिना में किसी भी तरह की क्षति को रोक सकता है। Also Read: Leaf Miner Disease in Mustard: सरसों की फसल में फैल रहा लीफ माइनर रोग, जानें रोकथाम व उपचार के तरीके

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