Farmer Enterprise Award: सरकार द्वारा किसानों को कृषि में नई तकनीकों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसके लिए प्रगतिशील किसानों को समय-समय पर पुरस्कृत किया जाता है। प्रगतिशील किसानों से तात्पर्य उन किसानों से है जिन्होंने खेती में किसी विशेष तकनीक का उपयोग करके उत्पादन बढ़ाया है। इसके साथ ही पशुपालक किसानों को अधिक दूध उत्पादन के लिए पुरस्कृत भी किया जाता है। इस प्रकार सरकार अपनी योजनाओं के माध्यम से खेती और पशुपालन करने वाले किसानों को पुरस्कार प्रदान करती है।
Also Read: Weather News: दिल्ली में पड़ेगी कड़ाके की ठंड, इन राज्यों में बारिश की चेतावनी के साथ पढ़ें मौसम का ताजा अपडेट इसी कड़ी में कृषि विभाग कृषि के क्षेत्र में बेहतरीन काम करने वाले किसानों को आत्मा योजना के तहत पुरस्कार देने जा रहा है. इसके लिए राज्य के किसानों से आवेदन आमंत्रित किये गये हैं. राज्य के किसान 20 दिसंबर 2023 तक इसके लिए आवेदन कर सकते हैं.
Farmer Enterprise Award: कृषक उद्यम पुरस्कार में कितनी राशि दी जाएगी
आत्मा योजना के तहत कृषि, पशुपालन एवं डेयरी, बागवानी, जैविक खेती और उन्नतशील खेती करने वाले किसानों को पुरस्कृत किया जाएगा। ये पुरस्कार पंचायत समिति स्तर, जिला स्तर और राज्य स्तर पर किसानों का चयन करके दिए जाएंगे. इस योजना में विजेता किसान को पंचायत समिति स्तर पर 10,000 रुपये, जिला स्तर पर 25,000 रुपये और राज्य स्तर पर 50,000 रुपये का इनाम दिया जाएगा.
Farmer Enterprise Award
किसान उद्यम पुरस्कार के लिए आवेदन करने के लिए किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी?
Farmer Enterprise Award: कृषक उद्यम पुरस्कार के लिए आवेदन पत्र में आपको अपना नाम, पिता का नाम, स्थाई पता एवं पंचायत समिति का उल्लेख करना होगा। आवेदन के समय आपको जिन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी वे इस प्रकार हैं-
Also Read: Haryana Govt Employees: हरियाणा में कच्चे कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी, सीएम ने किया ये बड़ा ऐलान आवेदन करने वाले किसान का आधार कार्ड आवेदन करने वाले किसान का मोबाइल नंबर आवेदन करने वाले किसान का बैंक खाता नंबर और आईएफएससी कोड आवेदन करने वाले किसान का निवास प्रमाण पत्र कृषि और संबंधित क्षेत्रों में किए गए कार्यों का विवरण साबित करने के लिए दस्तावेज़, तस्वीरें, सीडी, डीवीडी आदि।
Farmer Enterprise Award: कृषक उद्यम पुरस्कार के लिए आवेदन कैसे करें
जो किसान कृषक पुरस्कार के लिए आवेदन करना चाहते हैं या किसान स्वयं या निर्वाचित जन प्रतिनिधि, संस्था, विभाग या अन्य व्यक्ति जिसे किसान सम्मान के योग्य समझता हो, संबंधित किसान का आवेदन स्थानीय सहायक कृषि निदेशक को प्रस्तुत कर सकते हैं। विस्तार, सहायक कृषि अधिकारी या कृषि अधिकारी। पर्यवेक्षक के माध्यम से भेजा जा सकता है। इसके अलावा आवेदन पत्र सीधे अपने जिले के उप निदेशक कृषि एवं परियोजना निदेशक आत्मा को भी भेजा जा सकता है। किसान उद्यम पुरस्कार के बारे में अधिक जानकारी के लिए किसान अपने जिले के कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
Farmer Enterprise Award
ये किसान कृषक पुरस्कार के पात्र होंगे
Also Read: Subsidy: कृषि यंत्रों पर सरकार दे रही 50 से 80% सब्सिडी, जल्दी आवेदन करें Farmer Enterprise Award: राजस्थान के किसान कृषक पुरस्कार के पात्र होंगे। क्योंकि यह योजना राजस्थान के कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही है। ऐसे में केवल राजस्थान राज्य के किसान ही इसके लिए आवेदन कर सकेंगे। अन्य राज्यों के किसान इस योजना के पात्र नहीं होंगे। इसके अलावा, आत्मा योजना के तहत पिछले वर्षों में किसी भी पंचायत समिति, जिला और राज्य स्तर पर सम्मानित किए गए किसान इस वर्ष 2023-24 के लिए आवेदन करने के पात्र नहीं होंगे। इस योजना के तहत राज्य के केवल उन्हीं किसानों का चयन किया जाएगा जिन्होंने पहले कभी किसी भी स्तर पर यह पुरस्कार नहीं जीता हो।
Farmer Enterprise Award: आत्मा योजना क्या है
किसानों को नई तकनीक अपनाने और नवाचार करने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आत्मा योजना चलाई जा रही है। इस योजना के कई अन्य उद्देश्य भी हैं। इसके तहत किसानों को अपना तकनीकी ज्ञान बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग भी दी जाती है. किसानों को जिले के अंदर और बाहर तकनीकी भ्रमण पर भी ले जाया जाता है। योजना के तहत किसानों को प्रशिक्षण कार्यक्रम और भ्रमण के लिए भत्ता भी दिया जाता है।
Farmer Enterprise Award
Also Read: Govt Holidays List 2024:केंद्रीय कर्मचारियों के लिए साल 2024 की छुट्टियों का कैलेंडर जारी, देखें कब-कब हैं छुट्टियां? Farmer Enterprise Award: इसके अलावा, यदि राज्य का कोई किसान या कोई संगठन फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए कोई नवाचार कर रहा है, तो उसे आत्मा योजना के तहत पुरस्कृत किया जाता है। इसमें प्रत्येक जिले के लिए सरकार की ओर से 5 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है. आत्मा योजना केंद्र एवं राज्य के समन्वय से संचालित एक वित्त पोषित योजना है, जिसमें 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार द्वारा तथा शेष 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा व्यय की जाती है।