Farming: सरसों की फसल में चंपा कीट का प्रकोप होने पर किसानों को इस दवा का करना चाहिए छिड़काव

 
Farming: सरसों की फसल में चंपा कीट का प्रकोप होने पर किसानों को इस दवा का करना चाहिए छिड़काव
Farming: समय-समय पर फसलों में विभिन्न प्रकार के कीट एवं रोग लग जाते हैं, जो फसलों को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में किसान समय रहते इन कीटों और बीमारियों की पहचान कर उन पर नियंत्रण कर सकते हैं और अपनी फसलों को नुकसान से बचा सकते हैं. Farming: सरसों की फसल में चंपा कीट का प्रकोप होने पर किसानों को इस दवा का करना चाहिए छिड़काव इसके लिए कृषि विभाग की ओर से समय-समय पर किसानों को सलाह भी जारी की जाती है. ऐसे में राजस्थान के कृषि विभाग ने सरसों में चेंपा कीट को लेकर किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है. Also Read: jaggery in wheat: गेहूं में गुड़ के साथ मिला दें ये चीज, कलियां फूट जाएंगी एकदम. Farming: राजस्थान के कृषि विभाग के आयुक्त कन्हैया लाल स्वामी ने बताया कि मौसम में उतार-चढ़ाव के कारण जनवरी माह में सरसों की फसल में चेम्पा (मोयला) कीट लगने की संभावना बढ़ जाती है. औसत तापमान 10 से 20 डिग्री सेल्सियस तथा आर्द्रता अधिक होने पर चेम्पा कीट के फैलने की संभावना रहती है, जो किसानों की फसल की पैदावार को प्रभावित करता है। Farming: सरसों की फसल में चंपा कीट का प्रकोप होने पर किसानों को इस दवा का करना चाहिए छिड़काव Farming:  उन्होंने कहा कि यदि किसान इन कीटों की रोकथाम के उपाय नहीं करेंगे तो फसल की पैदावार में काफी कमी आने की संभावना है, इसलिए किसानों को समय रहते कृषि अधिकारी या कृषि पर्यवेक्षक की सलाह के अनुसार कीटनाशकों का प्रयोग कर इन पर नियंत्रण करना चाहिए। Also Read: Farming: किसानों के लिए खुशखबरी! फसलों को कीटों से बचाने के लिए मिलेगी सब्सिडी, यहां पर कर सकते हैं आवेदन
Farming: सरसों की फसल में चंपा कीट का प्रकोप होने पर किसानों को इस दवा का करना चाहिए छिड़काव
Farming:  इस दवा से चंपा कीट पर नियंत्रण करें
Farming:  कृषि आयुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि जनवरी माह में चेम्पा कीट का प्रकोप अधिक होता है. जिसमें हल्के हरे-पीले रंग के कीट पौधे के विभिन्न कोमल भागों, फूलों, कलियों तथा टहनियों पर छोटे-छोटे समूहों में रहते हैं और रस चूसते हैं। रस चूसने के कारण पौधे की वृद्धि रुक जाती है, कलियाँ कम हो जाती हैं तथा फली के दानों की संख्या भी कम हो जाती है, जिससे उपज कम होती है। Also Read: Crops cure fog: इन फसलों के लिए रामबाण है कोहरा, जमकर करेगा फायदा Farming:  किसानों को चेंपा कीट के प्रकोप के एक सप्ताह के भीतर पौधे की मुख्य शाखा की लगभग 10 सेमी की लंबाई में चेंपा की संख्या 20 से 25 दिखाई देते ही मैलाथियान 5 प्रतिशत चूर्ण 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करना चाहिए। या मैलाथियान 50 ई.सी. सवा लीटर या डाइमेथोएट 30 ई.सी. एक लीटर दवा प्रति हेक्टेयर 400 से 500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.

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