Bakri Palan Yojna 2024: बकरी पालन के लिए सरकार दे रही 50 लाख तक का लोन, जानें योजना की विशेषताएं और आवेदन प्रक्रिया

Goat Farming Scheme: राजस्थान बकरी पालन योजना 2024: राजस्थान सरकार राज्य में रोजगार और पशुधन को बढ़ावा देने के लिए बकरी पालन योजना चला रही है। इस योजना के तहत पशुपालक किसानों को बकरी पालन व्यवसाय शुरू करने के लिए 50 से 60 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है।
वैसे तो भारत एक कृषि प्रधान देश है, लेकिन खेती के साथ-साथ बड़ी संख्या में किसान पशुपालन के जरिए भी आय अर्जित करते हैं। ऐसे में राजस्थान सरकार ने बेरोजगारी कम करने और छोटे किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से बकरी पालन योजना शुरू की है, जो सरकार के उद्देश्य को पूरा करती भी नजर आ रही है।
5 लाख से 50 लाख तक का लोन
अगर आप भी राजस्थान के निवासी हैं और बकरी पालन व्यवसाय करने की सोच रहे हैं, तो आपको इस योजना से काफी फायदा मिल सकता है। राज्य के छोटे किसान और रोजगार की तलाश कर रहे लोग बकरी पालन योजना के तहत बकरी पालन व्यवसाय के लिए 5 लाख से 50 लाख तक का लोन ले सकते हैं। इस लोन को अलग-अलग कैटेगरी में बांटा गया है, जिसके हिसाब से आपको 50 प्रतिशत से 60 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलेगी। इस योजना में आवेदन शुरू हो गए हैं।
ये दस्तावेज हैं जरूरी
अगर आप राजस्थान बकरी पालन योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको कई दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए आपको आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो, जमीन से जुड़े दस्तावेज, पशुपालन प्रशिक्षण प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक और मोबाइल नंबर जमा कराना होगा।
ये है आवेदन प्रक्रिया
इस योजना में आवेदन करने के लिए आपको अपने क्षेत्र के नजदीकी पशु चिकित्सा कार्यालय में जाना होगा। यहां आपको संबंधित अधिकारी से योजना के सभी पहलुओं की जानकारी लेनी होगी और योजना का आवेदन पत्र लेना होगा। इसके बाद आवेदन पत्र को निर्धारित प्रारूप में भरकर सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ कार्यालय में जमा कर पावती लेनी होगी। इस प्रक्रिया के बाद विभाग आपके आवेदन और दस्तावेजों की समीक्षा करेगा और सही पाए जाने पर आपको योजना का लाभ दिया जाएगा।
राजस्थान में बकरी की नस्लें
आपको बता दें कि राजस्थान में सिरोही, मारवाड़ी और जखराना बकरियों की प्रमुख नस्लें हैं। सिरोही नस्ल अरावली पर्वत श्रृंखला के आस-पास के क्षेत्रों के साथ-साथ सिरोही, अजमेर, नागौर, राजसमंद, टोंक आदि में पाई जाती है। जबकि, मारवाड़ी नस्ल जोधपुर, पाली, बीकानेर, बाड़मेर, जालौर, जैसलमेर में पाई जाती है। यह मध्यम आकार की काली बकरी होती है, जिसका शरीर बालों से ढका होता है। जखराना नस्ल की बकरी अलवर और उसके आस-पास के इलाकों में पाई जाती है। इसका रंग काला होता है और मुंह और कान पर सफेद धब्बे होते हैं।