Farming: धान की फसल पर मंडरा रहा फिजी वायरस का साया: किसानों को हो जाना चाहिए सावधान
Farming: फिजी वायरस: धान की फसल के लिए एक गंभीर खतरा
फिजी वायरस धान की फसल के लिए एक गंभीर खतरा है, जो उत्पादन को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। यह वायरस मुख्य रूप से भूरे रंग के फुदके द्वारा फैलता है, जो धान की फसल में तेजी से फैल सकता है। प्रभावित पौधे बौने हो जाते हैं, उनकी पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं और अंततः सूख जाती हैं।
फिजी वायरस को नियंत्रित करने के लिए भूरे फुदके का समय पर उपचार करना जरूरी है, ताकि वायरस का प्रसार रोका जा सके और फसल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। किसानों को धान के पौध रोपने के समय से ही सतर्क रहना चाहिए और यदि लक्षण दिखाई दें, तो टोकन या ओशीन नामक दवा का उपयोग किया जा सकता है।
फिजी वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए, किसानों को खेत के किनारों की मेड़ों को साफ रखना चाहिए और आसपास खरपतवार नहीं उगने देना चाहिए। साफ-सफाई और समय पर उपचार से फसल को इस गंभीर वायरस से बचाया जा सकता है, जिससे किसानों को भारी नुकसान से बचने में मदद मिलती है।
राज्य सरकार ने भी किसानों से अपील की है कि वे अपने खेतों में फिजी वायरस के लक्षणों की निगरानी रखें और आवश्यक उपाय करें। सरकार ने किसानों को विशेषज्ञों की सलाह लेने और आवश्यक दवाओं का उपयोग करने की सलाह दी है।