गाजर की खेती के लिए अपनाएं ये तरीका, कम समय में मिलेगी बंपर पैदावार और होगी लाखों की कमाई!
गाजर की खेती के लिए उपयुक्त मौसम, खेत की तैयारी, बीज की बुवाई, सिंचाई, और देखभाल के बारे में जानकारी होना जरूरी है। इसके अलावा, किसानों को गाजर की उन्नत किस्मों की जानकारी होनी चाहिए, जो अधिक उपज और बीमारियों के प्रति प्रतिरोधी हों।
1. गाजर की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु:
गाजर की खेती ठंडे मौसम में की जाने वाली खेती है। गाजर अच्छी क्वालिटी व रंग की प्राप्त करने के लिए तापक्रम का बहुत ही महत्व होता है। गाजर की खेती करने के लिए 12 डिग्री से 25 डिग्री सेन्टीग्रैड का तापमान उपयुक्त माना गया है।
2. भूमि का चुनाव कैसे करें:
गाजर की खेती करने के लिए गहरी भूरभूरी व हल्की दोमट मिट्टी को उपयुक्त माना गया है। जिसका पीएच मान 6.5 हो। खेती से अच्छी पैदावार लेने के लिए भूमि में पानी का निकास अच्छा होना जरूरी है। खेत की बिजाई करने से पहले 2 से 3 गहरी जुताई करके अच्छी तरह से समतल कर लेना चाहिए।
3. गाजर की बुवाई करने का समय:
गाजर की दो किस्म को उगाकर आप अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। पहली एशियन किस्मे जिसकी बुवाई अगस्त से सितंबर महीने में करनी चाहिए। व दूसरी किस्म युरोपियन किस्मे इनकी बुवाई अक्टूबर से नवंबर महीने में करनी चाहिए।
4. गाजर की उन्नत किस्मे:
गाजर की खेती के लिए एशियन और युरोपियन दो किस्में हैं जिन्हें उगाकर आप अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।
5. गाजर बुवाई की विधि:
गाजर की अच्छी पैदावार व बढ़िया गुणवत्ता की गाजर प्राप्त करने के लिए गाजर की बिजाइ हल्की डोलियाँ पर ही करनी चाहिए। गाजर की बुवाई करते समय डोलियों के बीच 30 से 45 सेंटीमीटर का फासला रखना चाहिए।
6. खाद व उर्वरक की मात्रा:
खेती से बढ़िया पैदावार व मुनाफा कमाने के लिए खाद व उर्वरक पर्याप्त मात्रा में दें। गाजर की खेती के लिए खेत तैयार करते समय ही आपको 20 से 30 टन पशुओं की गोबर खाद खेत की जुताई करते समय प्रति हेक्टेयर के हिसाब से देनी चाहिए।
7. गाजर की सिचाई कब करें:
गाजर की खेती में सिचाई की 5 से 6 बार आवश्यकता होती है। जब भी आप गाजर की बिजाई कर रहे हैं और मिट्टी में नमी की मात्रा कम है तो गाजर की बिजाई करने के तुरंत बाद ही सिंचाई का कार्य जरूर करें।
8. खरपतवार का नियंत्रण:
खरपतवार का नियंत्रण करने के लिए गाजर की खेती की खेती में 2 से 3 बार निराई गुड़ाई का कार्य करना चाहिए। बुवाई के 1 महीने के बाद मिट्टी चढाने का कार्य करना चाहिए।
9. गाजर की खुदाई व पैदावार:
गाजर की खुदाई का समय 120 से 150 दिन होता है। जब गाजर