Haryana: कपास के खेतों में गुलाबी सुंडी का खतरा बडा, 40% तक फसल हुई बर्बाद, वैज्ञानिकों ने दी ये सलाह

हरियाणा में कपास उत्पादक किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनकी फसल गुलाबी सुंडी और भीषण गर्मी की दोहरी मार झेल रही है। इसके चलते हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, जींद और भिवानी जिलों की कपास पट्टी के किसानों को काफी नुकसान हुआ है। कृषि विभाग के अधिकारियों और चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार इस खरीफ सीजन में भी फसल को भारी नुकसान हो रहा है।
 
Haryana: कपास के खेतों में गुलाबी सुंडी का खतरा बडा, 40% तक फसल हुई बर्बाद, वैज्ञानिकों ने दी ये सलाह

हरियाणा में कपास उत्पादक किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनकी फसल गुलाबी सुंडी और भीषण गर्मी की दोहरी मार झेल रही है। इसके चलते हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, जींद और भिवानी जिलों की कपास पट्टी के किसानों को काफी नुकसान हुआ है। कृषि विभाग के अधिकारियों और चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार इस खरीफ सीजन में भी फसल को भारी नुकसान हो रहा है।

 रिपोर्ट के अनुसार यह लगातार तीसरा सीजन है, जिसमें गुलाबी सुंडी और गर्मी से फसल को नुकसान पहुंचा है। हिसार, सिरसा, फतेहाबाद और आसपास के जिलों में राज्य के कुल कपास रकबे के करीब 70 फीसदी हिस्से में इसकी खेती होती है। वैज्ञानिकों ने बताया है कि गुलाबी सुंडी के अलावा भीषण गर्मी ने भी पौधों को जला दिया, जिससे करीब 30-40 फीसदी नुकसान हुआ है। सिरसा जिले के नाथूसरी चोपटा खंड के डुकरा गांव के किसान दलबीर सिंह ने हाल ही में पौधों में गुलाबी सुंडी दिखने पर अपनी एक एकड़ से ज्यादा की पूरी फसल नष्ट कर दी। वैज्ञानिकों ने दी ये सलाह

एक अन्य किसान दिलावर सिंह ने बताया कि पौधों में गुलाबी इल्लियां दिखाई दे रही हैं। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों ने हमें स्प्रे का इस्तेमाल करने की सलाह दी है, लेकिन हमें लगता है कि इसके लिए अभी बहुत जल्दी है। सिरसा जिले में कृषि विभाग के एक अधिकारी ने माना कि गुलाबी इल्ली की रिपोर्ट मिली है। उन्होंने कहा कि पौधे फूल की अवस्था में होते हैं, तभी इल्ली सतह पर आती है। उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकारियों और सिरसा के केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान (सीआईसीआर) की टीम ने खेतों का दौरा किया और किसानों को पिछले साल के कपास के पौधों की शाखाओं को नष्ट करने की सलाह दी, जो अक्सर इल्लियों को आगे ले जाती हैं।

हरियाणा-राजस्थान सहित देश-विदेश की हर खबर सबसे पहले पाने के लिए हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े 👇👇 ज्वाइन करें

अनदेखी करने पर किसानों को भारी कीमत चुकानी पड़ी

उन्होंने कहा कि किसानों ने सलाह की अनदेखी की, जिसके कारण इल्ली फिर से सतह पर आ गई। खेतों का निरीक्षण करने वाली टीम में शामिल एचएयू के एक वैज्ञानिक ने बताया कि राजस्थान की सीमा से सटे इलाकों में गुलाबी इल्ली की रिपोर्ट मिली है। उन्होंने कहा कि पिछले साल गुलाबी इल्ली के हमले से राजस्थान में कपास को ज्यादा नुकसान हुआ था। शुरुआती दौर में यह बॉर्डर बेल्ट में ही उभर रहा है और आगे चलकर हरियाणा के अंदर भी फैल सकता है। एक अन्य वैज्ञानिक डॉ. कर्मल सिंह ने माना कि लंबे समय से पड़ रही गर्मी से पौधों को कुछ नुकसान हुआ है। एक एकड़ में करीब 6,000-8,000 पौधे होते हैं। लेकिन इस साल एक एकड़ में पौधों की संख्या घटकर 4,000 रह गई है।

Tags

Around the web