जुलाई में कहां तक जा सकता है सरसों का भाव? पढ़े इस रिपोर्ट में सरसों के उतार-चढ़ाव
किसान मित्रों, हमने कल सुबह की अपनी रिपोर्ट में बताया था कि सरसों के बाजार में तेजी बनी रहने वाली है। बिल्कुल वैसा ही देखने को मिला। सुबह भरतपुर मंडी में सरसों के भाव 106 रुपये पर खुले। पिछले दो दिनों में प्लांट्स पर भी करीब 100 से 150 रुपये की तेजी देखने को मिली है। मित्रों, इस तेजी को बनाए रखने के लिए जरूरी है कि सरकार इसमें ज्यादा दखल न दे। क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो बाजार का रुख बदल सकता है। सरसों बाजार की विभिन्न खबरों, खाद्य तेल बाजार को लेकर सरकार की योजना, विदेशी बाजारों के अपडेट और घरेलू बाजार की मांग और आपूर्ति का विश्लेषण करके आज की रिपोर्ट में हम आने वाले समय में सरसों बाजार की दिशा का अंदाजा लगाने की कोशिश करेंगे। अगर आप सरसों के किसान या व्यापारी हैं तो आपको यह रिपोर्ट बहुत ध्यान से पढ़नी चाहिए।
ताजा बाजार अपडेट
शुक्रवार के बाजार की बात करें तो तिलहन बाजार में कुल मिलाकर तेजी का माहौल देखने को मिला। तेल मिलों की जारी खरीद के चलते घरेलू बाजार में लगातार दूसरे दिन सरसों के भाव में तेजी दर्ज की गई। जयपुर में कंडीशन वाली सरसों के भाव 75 रुपये बढ़कर 6,125 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। भरतपुर मंडी में सुबह 106 रुपये की तेजी के साथ भाव 5781 पर पहुंच गया, लेकिन शाम को बाजार अपने उच्च स्तर को बरकरार नहीं रख सका और अंत में 51 रुपये की गिरावट के बाद 5730 प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। दिल्ली में लॉरेंस रोड पर सरसों का अंतिम भाव 5950 रुपये बताया गया है। चरखी दादरी मंडी में सरसों के भाव 75 रुपये बढ़कर 5925 के स्तर पर पहुंच गए। अन्य मंदिरों की बात करें तो राजस्थान की टोंक मंडी में सरसों के भाव 5630 रहे, जबकि निवाई मंडी में भाव 5650 तक बोले गए। इस दौरान सरसों की दैनिक आवक 3.75 लाख बोरी पर स्थिर रही।
प्लांटों पर क्या रहे भाव
दोस्तों, जिस तरह से खबरें आ रही हैं, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ब्रांडेड मिलों में अच्छी क्वालिटी की सरसों की कमी है। इसीलिए कंडीशन वाली सरसों के भाव में ज्यादा सुधार देखने को मिल रहा है। शुक्रवार को प्लांटों में स्थिरता के साथ-साथ बढ़त भी देखने को मिली। सलोनी प्लांट में सरसों के भाव 6525 पर स्थिर रहे, लेकिन अन्य प्लांटों में बढ़त देखने को मिली। आगरा में बीपी प्लांट में सरसों के भाव 75 रुपए बढ़कर 6425, शारदा प्लांट में सरसों के भाव 6350, अडानी बूंदी प्लांट में 6175, अडानी अलवर प्लांट में 6175 और गोयल कोटा प्लांट में 6000 रुपए पर पहुंच गए।
हाजिर बाजार के ताजा भाव
हाजिर बाजार के ताजा भाव देखें, बाजारों में कोई खास बढ़त दर्ज नहीं की गई। प्रमुख मंडियों में राजस्थान की बीकानेर मंडी में सरसों का भाव 5431, पीली सरसों का भाव 6700, नोहर मंडी में सरसों का भाव 5890, पीलीबंगा मंडी में सरसों का भाव 5396, देवली मंडी में कंडीशन सरसों का भाव 5850, संगरिया मंडी में सरसों का भाव 5585, श्रीगंगानगर मंडी में सरसों का भाव 5742, गोलूवाला मंडी में सरसों का भाव 5682, अनूपगढ़ मंडी में सरसों का भाव 5478, आदमपुर मंडी में सरसों का भाव 5600, सिरसा मंडी में सरसों का भाव 5702 तथा ऐलनाबाद मंडी में सरसों का भाव 5581 रुपये प्रति क्विंटल तक रहा।
विदेशी बाजार अपडेट
शुक्रवार को विदेशी बाजार में खाद्य तेलों के भाव में मिलाजुला रुख रहा। एक तरफ जहां शाम के सत्र में मलेशियाई पाम तेल वायदा के भाव में नरमी आई, वहीं शिकागो में सीबीओटी पर सोयाबीन तेल के भाव में तेजी देखने को मिली। कारोबारियों के अनुसार मलेशिया में पाम तेल का बकाया स्टॉक पिछले महीने से ज्यादा है, इसलिए विश्व बाजार में खाद्य तेलों के भाव में एकतरफा बड़ी तेजी की संभावना कम है। बाजार की बात करें तो बुरसा मलेशिया डेरिवेटिव एक्सचेंज, बीएमडी पर सितंबर डिलीवरी पाम तेल वायदा अनुबंध 21 रिंगिट यानी 0.54% गिरकर 3,914 रिंगिट प्रति टन पर आ गया।
हालांकि, इस दौरान शिकागो में सोयाबीन तेल के भाव में 0.19% की तेजी आई। सूत्रों के अनुसार 1 से 10 जुलाई के दौरान मलेशिया से पाम तेल उत्पादों के निर्यात में भारी बढ़ोतरी हुई है। अमेरिका में सोयाबीन उत्पादन का अनुमान ज्यादा है, जिसके कारण सोयाबीन तेल के भाव पर दबाव है। उपरोक्त विश्लेषण से आप समझ सकते हैं कि विदेशी बाजारों में फिलहाल कोई बड़ी तेजी नहीं दिख रही है। तेल और खली के भाव
जयपुर में शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन सरसों तेल, कच्चे तेल और एक्सपेलर के भाव में तेजी रही। कच्ची घानी सरसों तेल के भाव 17 रुपये बढ़कर 1,178 रुपये प्रति 10 किलो हो गए, जबकि सरसों एक्सपेलर तेल के भाव भी इस दौरान 17 रुपये बढ़कर 1,168 रुपये प्रति 10 किलो हो गए। जयपुर में शुक्रवार को सरसों खली के भाव 20 रुपये बढ़कर 2,650 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
कितने आगे तक जा सकते हैं सरसों के भाव
किसान मित्रों, खबर मिली है कि नैफेड 19 जुलाई से खुले बाजार में सरसों बेचेगा। अनुमान है कि वर्ष 2021 और 2022 का माल बिकेगा। इस खबर के चलते बाजार में थोड़ी मंदी रह सकती है। हालांकि सही दिशा तो बिक्री शुरू होने पर ही पता चलेगी। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि नैफेड के पास उपलब्ध सरसों की गुणवत्ता अच्छी नहीं है, इसलिए जो बड़े मिल मालिक अच्छा माल खरीदना चाहते हैं, वे नैफेड से खरीदने में ज्यादा रुचि नहीं लेंगे। वैसे भी मैं अपना जी भेजूंगाकी बुनियादी बातों को मजबूत कर रहा है हमने पहले भी अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पिछले साल से सरसों की आवक लगभग 1 मिलियन बोरी कम चल रही है।
इससे पता चलता है कि आने वाले समय में सरसों की प्राप्ति कमजोर रह सकती है। अन्य खाद्य तेल सरसों तेल को पूरी तरह से रिप्लेस नहीं कर सकते इसलिए सरसों तेल की मांग रहने की उम्मीद है वैसे भी आने वाला सीजन त्योहारों का सीजन है जिसमें विशेष रूप से सरसों तेल की मांग रहती है। तो दोस्तों ऊपर दिए गए विश्लेषण से यह निष्कर्ष निकलता है कि सरसों के बाजार में तेजी से तो आएगी लेकिन तेजी की गति काफी धीमी रहने वाली है। अगर सरसों की आवक नहीं बढ़ती है तो आने वाले 1 महीने में सरसों के भाव 200 से 300 रुपये तक और बढ़ सकते हैं। अपने विवेक से काम करें