क्या इस साल 7000 रुपये तक पहुंचेगा सरसों का भाव? जानिए इस खास पोस्ट में सरसों के उतार-चढ़ाव

किसान साथियों  हम सरसों के बाजार की अपडेट लेकर प्रतिदिन आ रहे हैं । हमें पूरी उम्मीद है कि हमारी रिपोर्ट से आपको सटीक जानकारी के साथ-साथ बाजार के ट्रेड का अंदाजा भी आ रहा होगा। दोस्तों पिछले 2 महीने से सरसों का बाजार अपनी 6000 से लेकर 6200 की रेंज को तोड़ नहीं पा रहा है  ऐसा ना कर पाने के पीछे कई वजह हैं।
 
क्या इस साल 7000 रुपये तक पहुंचेगा सरसों का भाव? जानिए इस खास पोस्ट में सरसों के उतार-चढ़ाव

किसान साथियों  हम सरसों के बाजार की अपडेट लेकर प्रतिदिन आ रहे हैं । हमें पूरी उम्मीद है कि हमारी रिपोर्ट से आपको सटीक जानकारी के साथ-साथ बाजार के ट्रेड का अंदाजा भी आ रहा होगा। दोस्तों पिछले 2 महीने से सरसों का बाजार अपनी 6000 से लेकर 6200 की रेंज को तोड़ नहीं पा रहा है  ऐसा ना कर पाने के पीछे कई वजह हैं। सबसे बड़ी वजह यह है कि सरसों को क्रश करके तेल बनाने और बाजार में बेचने पर तेल मिलों के पड़ते नहीं लग रहे हैं । बाजार में भाव इतने कमजोर चल रहे हैं कि तेल मिलों को सरसों खरीद कर तेल बनाने और बाजार में बेचने पर नुकसान हो रहा है ।

सरकार लगातार सस्ते खाद्य तेलों के आयात को बढ़ाती जा रही है। आयातित तेल इतने सस्ते हैं कि सरसों तेल बाकी खाद्य तेलों से महंगा पड़ता है। विदेशी बाजारों में भी बाजार काफी समय से एक सीमित रेंज में कारोबार कर रहा है। इसीलिए व्यापारियों को यह अंदाजा नहीं लग पा रहा है कि आगे चलकर परिस्थितियों में सुधार होगा या नहीं। यही कारण है कि जैसे ही सरसों के भाव में 100  से 200 रुपये की तेजी आती है तो ऊंचे भाव पर बाजार में मांग घट जाती है जिसके कारण फिर से भाव पीछे की तरफ चल पड़ते हैं। पिछले दो महीने से देशी और विदेशी बाजारों में यही स्थिति चल रही है।

पिछले साल के मुकाबले बाजार अभी भी तेज
दोस्तों सरसों के बाजार में जो स्थिति इस समय चल रही है वह पिछले साल से बेहतर है। पिछले साल आज ही के दिन जयपुर में कंडीशन सरसों के भाव 5600 से 5700 की रेंज में चल रहे थे जबकि भरतपुर के भाव 5300 के आसपास थे। इसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि बाजार अभी भी पिछले साल से ₹500 तक तेज है  इस तेजी का मुख्य कारण सरसों की आवक का लगातार कमजोर रहना है। आवक का कमजोर रहना और आने वाले त्योहारी सीज़न की डिमांड ही एक दो ऐसे संकेत जो बाजार में तेजी की तरफ इशारा कर रहे है।

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इसके अलावा बाजार में कोई भी ऐसा संकेत मौजूद नहीं है जो सरसों के भाव में तेजी बता रहे हों । हालांकि आवक का कम रहना एक बहुत बड़ा संकेत है और इससे यह तो कंफर्म तौर पर कहा जा सकता है कि अगर आवक कमजोर रहती हैं तो पिछले साल से भी ज्यादा तेजी सरसों के भाव में बन सकती है। आपकी जानकारी के लिए बताने की दिवाली आते-आते सरसों के भाव सीजन की शुरुआत से लेकर दिवाली तक 1000 रुपए तक बढ़ गए थे। लेकिन पिछले साल 6100 के भाव को पार करने में काफी दिक्कत हुई थी।

ताजा मार्केट अपडेट
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी और एक्सपेलर की कीमतों में बुधवार को लगातार दूसरे दिन तेजी दर्ज की गई। कच्ची घानी सरसों तेल के भाव 4 रुपये तेज होकर भाव 1,172 रुपये प्रति 10 किलो हो गए, जबकि सरसों एक्सपेलर तेल के दाम भी इस दौरान 4 रुपये बढ़कर 1,162 रुपये प्रति 10 किलो हो गए। जयपुर में बुधवार को भी सरसों खल के भाव 2,640 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। नजर डाले भरतपुर और दिल्ली मंडी पे तो भरतपुर मंडी में सरसो का भाव 24 रुपए की तेजी के साथ 5755 रुपए पर खुला । दिल्ली मंडी में लगातार दूसरे दिन भी भाव स्थिर देखने को मिला है भाव 5975 रुपए पर ही रुका हुआ है।

प्लान्टों पर क्या रहे भाव
साथियों तेल मिल प्लांटों पर बुधवार को जब सुबह बाजार खुला तब तेजी के साथ खुला था और शाम होते होते भाव में उतार चढ़ाव जारी रहा । बुधवार को सलोनी प्लांट पर सरसों का भाव 6550 पर खुला और शाम को 6525 रुपए पर बंद हुआ और अन्य प्लांटों पर भी भारी उतार चढ़ाव देखने को मिले है । आगरा में बीपी प्लांट पर सरसों का भाव 6350 पर स्थिर रहा और शारदा प्लांट पर सरसों का भाव 6300 पर स्थिर रह गया अदानी बूंदी प्लांट पर कल भाव में 25 रूपये की तेजी आई और भाव 6200 पर पहुंच गया लेकिन शाम को फिर से 25 रूपये गिर गया और भाव फिर से 6175 पर रह गया, अदानी अलवर प्लांट पर आज भी भाव स्थिर 6175 पर देखा गया और गोयल कोटा प्लांट पर सरसों का भाव सुबह 50 रूपये की तेजी के साथ 6000 पर खुला था के स्तर पर स्थिर रहे।

हाजिर मंडियों के ताजा भाव
साथियो बात करे हाजिर मंडियों के ताजा भाव की तो राजस्थान की गोलूवाला मंडी में सरसों का भाव 5194/5638, श्री विजयनगर मंडी सरसों रेट 5098/5541, सूरतगढ़ मंडी सरसों का भाव 5291/5698, नोहर मंडी सरसों रेट 5400/5601, बीकानेर अनाज मंडी सरसो रेट 5000/5371, पीलीबंगा मंडी सरसों रेट 5340/5550 बात करे हरियाणा की मंडियों में सरसो के भाव क्या चल रहे है तो हरियाणा की ऐलनाबाद मंडी में सरसों का भाव 5200/5700, सिरसा मंडी में सरसों का भाव 5100/5696, आदमपुर मंडी में सरसों का भाव 5689 रूपये प्रति क्विंटल रहा

विदेशी बाजारों की अपडेट
निर्यात मांग अच्छी बनी रहने से दुनिया के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक मलेशिया में क्रूड पाम तेल (सीपीओ) वायदा बुधवार को लगातार दूसरे सत्र में तेज होकर बंद हुआ। हालांकि मजबूत रिंगिट से तेजी सीमित रही। बुर्सा मलेशिया डेरिवेटिव एक्सचेंज, बीएमडी पर अक्टूबर महीने के पाम तेल वायदा अनुबंध में 9 रिंगिट यानी की 0.23 प्रतिशत की तेजी आकर भाव 3,934 रिंगिट प्रति टन पर बंद हुए। चीन के बाजार डालियान के सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध में 0.74 प्रतिशत की तेजी आई, जबकि इसके पाम तेल वायदा अनुबंध में 1.44 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड में सोया तेल की कीमतों में 0.27 प्रतिशत की तेजी आई। व्यापारियों के अनुसार निर्यात के आंकड़ों में तेजी के बाद बाजार में तेजी की धारणा बनी हुई है। इंडोनेशिया में पाम तेल का बकाया स्टॉक कम होने के साथ ही भारतीय आयातकों द्वारा खरीद ज्यादा की जा रही है। पाम तेल के व्यापार की मुद्रा मलेशियाई रिंगिट में डॉलर के मुकाबले मामूली 0.03 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिससे विदेशी आयातकों के लिए आयात पड़ते महंगे हुए हैं।

तेल और खल के भाव
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी और एक्सपेलर की कीमतों में बुधवार को लगातार दूसरे दिन तेजी दर्ज की गई। कच्ची घानी सरसों तेल के भाव 4 रुपये तेज होकर भाव 1,172 रुपये प्रति 10 किलो हो गए, जबकि सरसों एक्सपेलर तेल के दाम भी इस दौरान 4 रुपये बढ़कर 1,162 रुपये प्रति 10 किलो हो गए। जयपुर में बुधवार को भी सरसों खल के भाव 2,640 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक घटकर 2.50 लाख बोरियों की ही हुई, जबकि इसके पिछले कारोबारी दिवस में आवक 3.50 बोरियों की हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में सरसों की 1.50 लाख बोरी, जबकि मध्य प्रदेश की मंडियों में 25 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 25 हजार बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 10 हजार बोरी तथा गुजरात में 10 हजार बोरी, एवं अन्य राज्यों की मंडियों में 30 हजार बोरियों की आवक हुई।

दिवाली तक क्या बन सकते हैं भाव
दोस्तों जैसा कि हमने ऊपर बताया कि पिछले साल जुलाई से लेकर नवंबर के पहले हफ्ते तक सरसों के भाव में लगभग ₹400 की तेजी आई थी । पिछले साल सरसों का उत्पादन भी ज्यादा था और चुनाव के चलते सरकार ने भारी मात्रा में खाद्य तेलों का आयात करने के साथ-साथ बाजार पर कड़ा नियंत्रण किया था। इस साल भी स्थिति लगभग वैसी ही है आयात अभी भी भारी मात्रा में किया जा रहा है लेकिन विषमता यह है कि इस साल उत्पादन पिछले साल के जितना नहीं है। सरसों की आवक साफ बता रही है कि उत्पादन कम है।

इसलिए यह मानना है कि घरेलू बाजार का फंडामेंटल यही है कि आगे चलकर सरसों के भाव निश्चित रूप से तेज होंगे अगर सरकारी एजेंसी नाफेड का बाजार में बहुत बड़ा हस्तक्षेप ना हुआ तो दिवाली आते-आते सरसों में 6500 से 7000 के बीच के भाव दिखने की पूरी पूरी संभावना है। मंडी भाव टुडे का निवेदन है कि किसान सरसों के भाव को प्रतिदिन मॉनिटर करते रहें। क्योंकि दोस्तो अगर सरकार ने घरेलू तेल उद्योग को पूरी तरह से नजरअंदाज किया और ड्यूटी फ्री खाद्य तेलों के आयात को बढ़ाती रही तो हो सकता है कि बाजार नीचे भी चला जाए। साथियो जयपुर में सरसों के भाव 6000 के नीचे 42 कंडीशन में जाते हैं तो भी एक बार माल निकलने के बारे में भी सोचना चाहिए। व्यापार अपने विवेक से करें।

बाकी रुस्तम एक्सपेलर तेल का दाम इस दौरान 4 रुपये उछाल 1,162 रुपये प्रति 10 किलो हो गया। जयपुर में रविवार को भी रुपहले खल के भाव 2,640 रुपये प्रति शेयर स्थिर बने रहे। ईसाई मंडियों में ईसाईयों की दैनिक आवक 2.50 लाख बोरियों की हुई थी, जबकि इसके पिछले ईसाई बाजारों में प्रतिदिन 3.50 लाख बोरियों की आवक हुई थी। कुल आवकों में प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में 1.50 लाख बोरी, जबकि मध्य प्रदेश की मंडियों में 25 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 25 हजार बोरी, पंजाब और हरियाणा की मंडियों में 10 हजार बोरी और गुजरात में 10 हजार बोरी बोरी, अन्य राज्यों की मंडियों में 30 हजार बोरी की आवक हुई।

अब तक क्या बन सकता है भाव दोस्तों जैसा कि हमने ऊपर बताया कि पिछले साल जुलाई से लेकर नवंबर के पहले सप्ताह तक के भाव में लगभग ₹400 की तेजी आई थी। पिछले वर्ष कच्चे तेल का उत्पादन बहुत अधिक था और चुनावी सरकार ने भारी मात्रा में खाद्य तेलों का आयात करने के साथ-साथ बाजार पर भी रोक लगा दी थी। इस वर्ष भी स्थिति लगभग समान है, अभी भी भारी मात्रा में उत्पादन किया जा रहा है, लेकिन विषमता यह है कि इस वर्ष का उत्पादन पिछले वर्ष के बराबर नहीं है।

सरसों की आवक साफ बता रही है कि कौन सा उत्पाद कम है। घरेलू बाजार का यह मानना ​​है कि आगे बाजार का कारोबार निश्चित रूप से तेज होगा अगर सरकारी एजेंसी नाफेड के बाजार में बहुत बड़ा हस्तक्षेप करती है तो आते-आते बाजार में 6500 से 7000 के बीच के भाव दिखने की पूरी संभावना है। मंडी भाव अपडेट का अनुरोध है कि किसान सरसों के भाव पर प्रतिदिन नजर रखें। क्योंकि दोस्तो अगर सरकार ने घरेलू तेल उद्योग को पूरी तरह से बंद कर दिया और मुफ्त खाद्य तेलों के मूल्य को बढ़ाया तो हो सकता है कि बाजार भी नीचे चला जाए। साथियो जयपुर में 6000 के नीचे 42 कंडीशन में जाते हैं तो एक बार माल अरेस्ट के बारे में भी पता होना चाहिए। व्यापार अपने विवेक से करें।

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