करोड़ों का आरोप: विधायक सुरेंद्र पवार के वकील ने कहा, रिमांड पेपर में नकदी का जिक्र नहीं
सोनीपत विधायक सुरेंद्र पंवार के मामले में ईडी द्वारा मांगे गए रिमांड आदेश आ गए हैं और विधायक के अधिवक्ता महादेव महाराज ने कहा कि ईडी ने रिमांड में किसी नकदी का जिक्र नहीं किया है। ईडी का कहना है कि विधायक ने खनन के जरिए करोड़ों रुपये लिए हैं। अधिवक्ता ने कहा कि विधायक सुरेंद्र पंवार वर्ष 2013 तक डीएसआईपीएल के निदेशक थे, लेकिन उसके बाद उन्होंने पद छोड़ दिया और केवल नौ प्रतिशत हिस्सेदारी रखी।
ऐसे में अब ईडी ने आरोप लगाया है कि वर्ष 2016 से 2017 और 2018 के बीच कंपनी का आईटीआर पहले से ज्यादा भरा गया है। कंपनी ने इससे मुनाफा कमाया है। विधायक ने भी इससे करोड़ों रुपये लिए हैं। एनजीटी ने पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करने पर मौजूदा कंपनी पर करीब 18 करोड़ का जुर्माना भी लगाया था।
अधिवक्ता महादेव ने कहा कि विधायक को अपनी हिस्सेदारी में हुए मुनाफे के कारण फायदा हुआ है, जो शायद हर शेयरधारक को मिलता है। इसके बावजूद हमने ईडी को वे सभी कागजात और अन्य दस्तावेज सौंप दिए थे, जो ईडी ने मांगे थे। फिर भी विधायक की गिरफ्तारी गलत है। क्योंकि अगर विधायक डायरेक्टर के पद पर नहीं है तो उनकी गिरफ्तारी सही नहीं है।
ये था मामला
गौरतलब है कि 20 जुलाई को ईडी ने सोनीपत के विधायक सुरेंद्र पंवार को गिरफ्तार किया था। ईडी ने विधायक पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अवैध तरीके से खनन करवाकर कंपनी के जरिए करोड़ों रुपए कमाए हैं। गिरफ्तार करने के बाद विधायक को अंबाला कोर्ट में पेश किया गया और 14 दिन की रिमांड मांगी गई। इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए नौ दिन की रिमांड मंजूर की। फिलहाल ईडी मामले में विधायक से पूछताछ कर रही है। नौ दिन बाद विधायक को फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा।