Farmer: किसान आंदोलन में एक और शहादत, हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर किसान ने की आत्महत्या

गुरमीत सिंह भारतीय किसान यूनियन सिद्धपुर से जुड़ा हुआ था। उसने उस समय आत्महत्या कर ली, जब अन्य किसान वहां नहीं थे। उसने आज सुबह करीब 9:45 बजे गांव मल्लन ब्लॉक डोडा श्री मुक्तसर साहिब के टेंट में आत्महत्या कर ली।
 
Farmer: किसान आंदोलन में एक और शहादत, हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर किसान ने की आत्महत्या

Haryana: हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर आज एक किसान ने आत्महत्या कर ली है। मृतक का नाम गुरमीत सिंह है। वह पंजाब के मानसा का रहने वाला था। बताया जा रहा है कि जब से किसान आंदोलन चल रहा है, तब से वह बॉर्डर पर ही डटा हुआ था।

जानकारी के अनुसार गुरमीत सिंह भारतीय किसान यूनियन सिद्धपुर से जुड़ा हुआ था। उसने उस समय आत्महत्या कर ली, जब अन्य किसान वहां नहीं थे। उसने आज सुबह करीब 9:45 बजे गांव मल्लन ब्लॉक डोडा श्री मुक्तसर साहिब के टेंट में आत्महत्या कर ली।

जब किसान वापस लौटे तो गुरमीत ने फांसी लगा ली थी। उसने रस्सी ट्रॉली से बांधी हुई थी, और उसमें गर्दन फंसाकर लेटा हुआ था।

आंदोलन से जुड़े किसानों ने बताया है कि किसान गुरमीत इस आंदोलन को लेकर काफी गंभीर था। वह बहुत कम ही घर जाता था। उसके सिर पर कर्ज भी था। इस वजह से वह परेशान रहता था। कुछ समय पहले उसके बेटे की शादी हुई थी। वह उसमें शामिल होने भी नहीं गया था। वह मोर्चे पर लाइट की व्यवस्था देखता था।

किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने बताया कि गुरमीत सिंह मोर्चे पर लाइट का प्रबंध करता था। - फाइल फोटो

दल्लेवाल ने कहा- संघर्ष के प्रति समर्पित था किसान

इस मामले में किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा, 'मुझे सूचना मिली है कि किसान ने आत्महत्या कर ली है। मैं चंडीगढ़ आया था। अब मैं मौके पर जा रहा हूं। यह किसान संघर्ष के प्रति बहुत समर्पित था। वह धरना स्थल पर बिजली का सारा काम देखता था।

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कुछ महीने पहले उसके बेटे की शादी थी। उस समय उसने यह कहकर जाने से मना कर दिया कि आजकल बिजली की समस्या है। ऐसे में अगर लाइट में दिक्कत आई तो किसानों को परेशानी होगी। इसके बाद उसके परिजनों ने उसके बिना ही अपने बेटे की शादी कर दी।

बाद में उसका परिवार भी मोर्चे पर आ गया। उसका परिवार 7-8 दिन वहां रहा और चला गया। किसानों पर कर्ज है। यह वहां जाकर ही पता चलेगा। परसों जब मैं मोर्चे से निकल रहा था तो उससे मिला था। वह पूछ रहा था कि प्रधान जी, सरकार कब तक उनकी मांगें मानेगी?'

फरवरी से चल रहा संघर्ष
फसलों के एमएसपी को लेकर पंजाब के किसान फरवरी-2024 से आंदोलन पर हैं। ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई।

किसानों ने पंजाब की तरफ बॉर्डर पर स्थायी मोर्चा बना लिया। ऐसे में वहां से आवाजाही बंद है। इससे अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है।

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