Haryana: हरियाणा में स्थाई कर्मचारियों को बड़ा झटका, CM बोले - नहीं होंगे पक्के

हरियाणा में कच्चे कर्मचारियों का सरकार ने बड़ा झटका दे दिया है। सोमवार को ही कैबिनेट मीटिंग में कर्मचारियों को पक्का करने को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया। मीटिंग के बाद सीएम सैनी ने कहा कि कच्चे कर्मचारियों को लेकर सरकार ने अधिकारियों से कहा है की पॉलिसी बनाएं।
 
Haryana: हरियाणा में स्थाई कर्मचारियों को बड़ा झटका, CM बोले - नहीं होंगे पक्के

Haryana: हरियाणा में कच्चे कर्मचारियों का सरकार ने बड़ा झटका दे दिया है। सोमवार को ही कैबिनेट मीटिंग में कर्मचारियों को पक्का करने को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया। मीटिंग के बाद सीएम सैनी ने कहा कि कच्चे कर्मचारियों को लेकर सरकार ने अधिकारियों से कहा है की पॉलिसी बनाएं।

अभी सरकार काम कर रही है। जल्दी इस पर निर्णय लिया जा सकता है। सैनी ने बताया कि मीटिंग में 21 एजेंडे रखे थे। जिनमें से 20 एजेंडे पास हो गए हैं। फसलों की एमएसपी को लेकर कल कुरुक्षेत्र में जो घोषणा की गई थी। उसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। हरियाणा अपने खर्चे पर इसे वहन करेगी। सीएम बोले कि किसानों की आय में बढ़ोतरी सरकार का संकल्प है। हरियाणा सभी फसलों को एमएसपी पर खरीदने वाला देश का पहला राज्य होगा।

फिलहाल 3 मसौदे़े ही तैयार है

हरियाणा सरकार ने कच्ची कर्मचारियों को पक्का करने की तीन प्रकार की पॉलिसी का मसौदा तैयार किया हुआ है। पहले मसूदा तो गेस्ट टीचर की तरफ उसका सर्विस सिक्योरिटी देने का जबकि एक सर्विस सिक्योरिटी एक्ट की तरफ पर अध्यादेश का मसौदा है।

हरियाणा-राजस्थान सहित देश-विदेश की हर खबर सबसे पहले पाने के लिए हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े 👇👇 ज्वाइन करें

दोनों में लगभग सामान्य है। केवल मानदेय और अस्थायी सेवा काल का अंतर है। थोड़ा सा अंतर परिभाषा का भी है। तीसरा मसूदा रेगुलेशन पॉलिसी का तैयार है। इसके अलावा मानसून सेशन की डेट पर विकेट नेट में मीटिंग में फैसला होगा

यहां पढ़िए तीनों मसौदों में क्या है

अस्थाई कर्मचारियों को सर्विस सिक्योरिटी देने के तीन अलग-अलग  मसौदों में अलग-अलग लाभ देने का प्रस्ताव है। गेस्ट टीचर्स की तर्ज पर सर्विस सिक्योरिटी एक्ट में मसौदों काफी कम देने का प्रस्ताव जबकि ऑर्डिनेंस के मसौदे में भी समक्ष रेगुलर कर्मचारियों के न्यूनतम वेतनमान के समान एक सोच मानदेय देने का प्रस्ताव है।

इसलिए कैबिनेट में हुई चर्चा

किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले सरकार ने तय किया है कि कैबिनेट मीटिंग में विधिवत तौर पर एजेंडा न ले जाया जाए। मीटिंग में अनौपचारिक तौर पर तीनों मसौदों के बिंदुओं पर चर्चा कर ली जाए। चर्चा में जैसा फैसला होए वैसी पॉलिसी बना ली जाए।

मंत्रिमंडल ही तय करेगा कि सर्विस सिक्योरिटी एक्ट बनाया जाना है या ऑर्डिनेंस जारी करना है। बाद में विधानसभा में विधेयक लाकर पारित कर दिया जाए या मंत्रिमंडल से मंजूरी लेने के बाद रेगुलराइजेशन पॉलिसी ही जारी कर दी जाए।

Tags

Around the web