Haryana: हरियाणा में लिस्ट जारी होते ही बीजेपी में मची भगदड़ः टिकट न मिलने से नाराज कई नेताओं ने छोड़ी पार्टी
Haryana: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की पहली सूची जारी होते ही पार्टी में भगदड़ मच गई है। भाजपा ने आज 67 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। इस सूची के जारी होने के कुछ ही मिनटों में सोशल मीडिया पर एक के बाद एक पार्टी पदाधिकारियों के इस्तीफे आने लगे। 2019 में रोहतक के महम से भाजपा के प्रत्याशी रहे शमशेर सिंह खरखड़ा ने इस्तीफा दे दिया है।
इसके साथ ही सोनीपत जिला उपाध्यक्ष संजीव वलेचा ने भी पार्टी छोड़ दी है। भाजपा किसान मोर्चा चरखी दादरी के जिला अध्यक्ष विकास उर्फ भल्ले चेयरमैन ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया है। इसके अलावा हिसार की उकलाना रिजर्व सीट से पूर्व जेजेपी विधायक अनूप धानक को टिकट दिए जाने से नाराज पार्टी नेता शमशेर गिल और पूर्व प्रत्याशी सीमा गैबीपुर ने भी पार्टी छोड़ दी है।
हिसार में कमल गुप्ता को टिकट मिलने के बाद पहले ही बगावत का ऐलान कर चुके भाजपा जिला उपाध्यक्ष तरुण जैन भी पार्टी छोड़ने का ऐलान करने वाले हैं। उन्होंने सुबह अपने आवास पर समर्थकों की बैठक बुलाई है। वहीं, सोनीपत से भाजपा पूर्वांचल प्रकोष्ठ के प्रदेश सह संयोजक संजय ठेकेदार ने भी भाजपा छोड़ दी है।
सुखविंदर श्योराण ने प्रदेश अध्यक्ष को लिखा इस्तीफा...
चरखी दादरी से किसान मोर्चा अध्यक्ष का इस्तीफा
भाजपा में वरिष्ठ स्तर के नेताओं ने भी इस्तीफा देकर पार्टी में खुलकर बगावत कर दी है। चरखी दादरी की बाढड़ा सीट से विधायक रहे सुखविंदर श्योराण ने किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके अलावा परिवार पहचान पत्र के प्रदेश संयोजक सतीश खोला ने भी बगावत कर दी है। उन्होंने कल अपने आवास पर समर्थकों की बैठक बुलाई है।
रणजीत चौटाला ने बुलाई समर्थकों की बैठक
देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला का रानिया से टिकट कटने के बाद उन्होंने कल सिरसा स्थित अपने आवास पर समर्थकों की बैठक बुलाई है। रणजीत चौटाला सरकार में बिजली मंत्री हैं और हिसार से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन जीत नहीं सके।
इसके बाद से ही उन्होंने बगावती तेवर दिखाने शुरू कर दिए थे। अब टिकट कटने के बाद वह आगे की रणनीति बनाएंगे। रणजीत चौटाला निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि वह कांग्रेस के संपर्क में भी हैं।
पूर्व विधायक पर निर्दलीय चुनाव लड़ने का दबाव
इस बीच, सूत्रों का कहना है कि रतिया से विधायक रह चुके लक्ष्मण नापा पर निर्दलीय चुनाव लड़ने का दबाव बनाया जा रहा है। उनके समर्थक चाहते हैं कि वह अकेले ही मैदान में उतरें। साथ ही चेतावनी भी दे रहे हैं कि अगर वह बात नहीं मानेंगे तो वह उनका साथ छोड़ देंगे। हालांकि, लक्ष्मण नापा निर्दलीय चुनाव लड़ने के मूड में नहीं हैं, लेकिन समर्थकों के दबाव में जल्द ही इस पर फैसला लेंगे।