दिल्ली-NCR में प्रदूषण बढ़ा, AQI 350 के पार, GRAP-III के नियम लागू
Hindi News: दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में सोमवार को वायु गुणवत्ता एक बार फिर खराब हो गई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) करीब 350 तक पहुंच गया, जो "बहुत खराब" श्रेणी में आता है। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए GRAP-III (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान-III) के तहत सख्त नियम लागू कर दिए गए हैं।
GRAP-III के तहत लागू हुए प्रमुख नियम
1. निर्माण और विध्वंस कार्यों पर रोक
- दिल्ली और NCR में सभी निर्माण और विध्वंस (डेमोलिशन) गतिविधियों को रोक दिया गया है।
2. निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों पर प्रतिबंध
- ऐसे वाहन जो निर्माण सामग्री लेकर चलते हैं, उन्हें दिल्ली-NCR में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
3. बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल गाड़ियों पर रोक
- दिल्ली और NCR में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल गाड़ियों के चलने पर रोक लगा दी गई है। यह कदम प्रदूषण नियंत्रण के लिए उठाया गया है।
4. अंतर-राज्यीय बसों पर प्रतिबंध
- दिल्ली में अंतर-राज्यीय बसों के प्रवेश को भी सीमित कर दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद GRAP-III लागू
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर GRAP-4 के नियम हटाए गए थे। लेकिन वायु गुणवत्ता में गिरावट के बाद GRAP-III के नियम दोबारा लागू किए गए हैं। इनका उद्देश्य प्रदूषण को नियंत्रित करना और हवा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का मतलब
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) एक ऐसा मापदंड है, जो हवा में प्रदूषण के स्तर को दर्शाता है।
- AQI 0-50: अच्छा
- AQI 51-100: संतोषजनक
- AQI 101-200: मध्यम
- AQI 201-300: खराब
- AQI 301-400: बहुत खराब
- AQI 401-500: गंभीर
AQI 350: "बहुत खराब" श्रेणी में आता है। इस स्तर पर हवा में मौजूद प्रदूषक श्वसन और हृदय रोगों से ग्रस्त लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।
सरकार की अपील
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि:
- घर के अंदर रहें और बाहर जाने से बचें। मास्क का इस्तेमाल करें। सार्वजनिक परिवहन का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें। गैर-जरूरी वाहनों का उपयोग न करें।
प्रदूषण से निपटने के लिए प्रयास
GRAP-III के तहत लागू किए गए ये नियम दिल्ली और NCR में प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के लिए जरूरी माने जा रहे हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण से लड़ने के लिए लंबे समय तक प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।

