GST Council: मोदी सरकार देगी महंगाई की मार, भारत में ये चीजे GST बढ़ोतरी से होगी महँगी

 
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GST Council News: जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक 21 दिसंबर 2024 को राजस्थान के जैसलमेर में होगी। इस बैठक में माल और सेवा कर (GST) की दरों में बदलाव सहित कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा। खासतौर पर इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) और छोटी पेट्रोल-डीजल कारों पर टैक्स दरों में बदलाव चर्चा के मुख्य बिंदु होंगे। 

यूज्ड इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी बढ़ोतरी का प्रस्ताव

बैठक के दौरान उपयोग किए गए इलेक्ट्रिक वाहनों (Used EVs) पर जीएसटी दर 12% से बढ़ाकर 18% करने की सिफारिश की गई है। हालांकि, नई इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी की दर 5% ही बनी रहेगी। 

पेट्रोल और डीजल कारों पर प्रस्तावित बदलाव:  

1,200 सीसी से अधिक की पेट्रोल कारों और 1,500 सीसी से अधिक की डीजल कारों पर वर्तमान में लागू 18% जीएसटी दर को बनाए रखने पर सहमति है। वहीं, छोटी पेट्रोल और डीजल कारों पर जीएसटी को मौजूदा 12% से बढ़ाकर 18% करने पर भी चर्चा होगी। 

अन्य उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने की संभावना

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बैठक में सिगरेट, तंबाकू और एरेटेड ड्रिंक्स जैसे हानिकारक उत्पादों पर टैक्स दरें बढ़ाने का भी प्रस्ताव रखा जाएगा। वर्तमान में इन उत्पादों पर 28% टैक्स है। सिफारिश के अनुसार इसे 35% तक बढ़ाने की योजना पर विचार हो सकता है। 

जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने की प्रक्रिया

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने बताया है कि जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने पर गठित मंत्री समूह (GoM) ने अभी तक अपनी सिफारिशें काउंसिल को नहीं सौंपी हैं। हालांकि, इस बैठक में इसके मुख्य बिंदुओं पर चर्चा होने की संभावना है। 

बैठक के प्रमुख एजेंडे

1. उपयोग किए गए इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी दर 12% से बढ़ाकर 18% करने का प्रस्ताव।  
2. छोटी पेट्रोल और डीजल कारों पर जीएसटी बढ़ाने पर विचार।  
3. सिगरेट, तंबाकू, एरेटेड ड्रिंक्स जैसे उत्पादों पर टैक्स दर 28% से बढ़ाकर 35% करने की सिफारिश।  
4. 2025-26 के केंद्रीय बजट के लिए राज्यों के वित्त मंत्रियों से सुझाव आमंत्रित करना।  

बैठक का महत्व

यह बैठक केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित होगी। साथ ही, आगामी 1 फरवरी 2025 को पेश होने वाले केंद्रीय बजट के लिए महत्वपूर्ण दिशा तय करेगी। जीएसटी दरों में प्रस्तावित बदलाव न केवल देश की आर्थिक नीति को प्रभावित करेंगे, बल्कि आम नागरिकों और उद्योगों पर भी इसका व्यापक असर होगा। यह बैठक राज्यों और केंद्र के बीच राजस्व संतुलन बनाए रखने और कर प्रणाली को और अधिक तर्कसंगत बनाने के लिए अहम होगी। विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों और हानिकारक उत्पादों पर टैक्स दरों में बदलाव पर्यावरणीय और स्वास्थ्य प्राथमिकताओं को भी दर्शाते हैं।

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