कमर तोड़ महँगाई पर मोदी सरकार का प्रहार, गेहूं के स्टॉक को लेकर ये बड़ा ऐलान, अब सस्ता होगा आटा

Wheat Price Update: केंद्र सरकार ने बढ़ती गेहूं की कीमतोंपर काबू पाने और जमाखोरी को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने स्टॉक लिमिटमें बदलाव करते हुए इसे पहले से काफी कम कर दिया है। अब थोक और खुदरा कारोबारियों के लिए गेहूं के भंडारण की सीमा घटा दी गई है। नई स्टॉक लिमिट लागू सरकार ने 11 दिसंबर को नई स्टॉक लिमिट लागू करने की घोषणा की। इसके तहत थोक कारोबारियों (होलसेलर्स)के लिए स्टॉक लिमिट को 2,000 टन से घटाकर 1,000 टनकर दिया गया है। खुदरा कारोबारियों (रिटेलर्स)के लिए यह सीमा 10 टन से घटाकर 5 टनकर दी गई है। यह स्टॉक लिमिट मार्च 2024 तक लागू रहेगी। इस दौरान नई फसल की आवक शुरू हो जाएगी, जिससे बाजार में आपूर्ति बेहतर होने की संभावना है।
जमाखोरी पर लगेगी रोक
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा कि यह कदम जमाखोरी रोकनेके लिए उठाया गया है। अक्सर जमाखोरी के कारण बाजार में आपूर्ति बाधित होती है, जिससे कीमतें अनावश्यक रूप से बढ़ जाती हैं। नई नीति का उद्देश्य पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करना और कीमतों को स्थिर बनाए रखना है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि जिन संस्थानों के पास गेहूं का भंडारण है, उन्हें स्टॉक लिमिट पोर्टल([evegoils.nic.in/wsp/login(evegoils.nic.in/wsp/login)) पर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्यहोगा।
15 दिन में स्टॉक अपडेट अनिवार्य
मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि हर शुक्रवार को पोर्टल पर स्टॉक की जानकारी अपडेट करना जरूरी होगा। यदि कोई कंपनी या संस्था स्टॉक लिमिट का उल्लंघनकरती है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अगर किसी संस्थान के पास नई स्टॉक लिमिट से ज्यादा गेहूं है, तो उसे नोटिफिकेशन जारी होने के 15 दिनों के अंदर स्टॉक को नई लिमिट के अनुरूप करना होगा। ऐसा न करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सरकार का प्रयास और उद्देश्य सरकार के इस कदम से मार्केट में सप्लाई बढ़ेगी, जिससे कीमतों को नियंत्रित किया जा सकेगा। उपभोक्ताओं और किसानों दोनों को राहत मिलेगी। उपभोक्ताओंको उचित कीमत पर गेहूं और गेहूं उत्पाद मिलेंगे। किसानों को फसल की बिक्री के लिए स्थिर बाजार मिलेगा। केंद्र सरकार का यह फैसला बाजार में संतुलन बनाए रखने के लिए एक सकारात्मक कदम है। स्टॉक लिमिट का पालन सभी कारोबारियों के लिए अनिवार्य है। सरकार ने चेतावनी दी है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस नीति का उद्देश्य न केवल कीमतों पर नियंत्रण रखना है, बल्कि बाजार में पारदर्शिता भी सुनिश्चित करना है।