Bhishma Ashtami 2024: जानें कब है भीष्म अष्टमी, नोट कर लें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

 
Bhishma Ashtami 2024: महाभारत काल में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जो व्यक्ति को आश्चर्यचकित कर देती हैं। ऐसा ही एक प्रसंग है धनुर्धर अर्जुन द्वारा भीष्म पितामह को बाणों की शैय्या पर लेटा देना। क्योंकि पितामह भीष्म को अपनी इच्छा के अनुसार प्राण त्यागने का वरदान था, इसलिए कई बाणों से घायल होने के बावजूद भी उन्होंने अपनी इच्छा से ही प्राण त्यागे। इसी दिन को भीष्म अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। Also Read: Pradhan Mantri Ujjwala Yojana 2.0: एलपीजी सिलेंडर पर 450 रुपये की सब्सिडी मिलेगी
Bhishma Ashtami 2024: भीष्म अष्टमी शुभ मुहूर्त
अष्टमी तिथि प्रारम्भ 16 फरवरी को सुबह 08 बजकर 54 मिनट पर हो रहा है। वहीं, इसका समापन 17 फरवरी को सुबह 08 बजकर 15 मिनट पर होगा। ऐसे में भीष्म अष्टमी का पर्व 16 फरवरी, शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा। इस दौरान मध्याह्न समय कुछ इस प्रकार रहेगा - Bhishma Ashtami 2023 vrat date shubh muhurat and significance Mahabharat  bhisma Pitamah | भीष्म अष्टमी व्रत क्यों रखा जाता है? जानिए इसके पीछे का  धार्मिक महत्व - India TV Hindi
Bhishma Ashtami 2024: भीष्म अष्टमी का महत्व
भीष्म पितामह के तर्पण की तिथि पर भीष्म अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। भीष्म पितामह ने ब्रह्मचर्य जीवन जीने की प्रतिज्ञा ली थी। साथ ही उन्हें अपनी इच्छानुसार मृत्यु का समय चुनने का वरदान प्राप्त था। भीष्म पितामाह ने अपने प्राण त्याने के लिए माघ शुक्ल अष्टमी को चुना, क्योंकि इस समय तक सूर्यदेव उत्तरायण की ओर प्रस्थान करने लगे थे। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, इस समय को शुभ माना जाता है। Also Read: Public Exam Bill 2024: नकल रोकने के लिए लोकसभा में पास हुआ बिल, पकड़े जाने पर होगी इतने साल की सजा!
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Bhishma Ashtami 2024: क्या है मान्यता
माना जाता है कि जो साधक भीष्म अष्टमी के दिन व्रत आदि करता है, उसे संतान की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही इस तिथि पर पितरों के निमित्त तर्पण और दान करने से पितरों को मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही, व्यक्ति के भीष्म अष्टमी के दिन जो व्यक्ति पितामाह भीष्म के निमित्त तर्पण और जलदान करता है उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।

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