Narak Nivaran Chaturdashi: माघ मास शिवरात्रि पूजा व्रत विधि और कथा महत्व इसलिए यह व्रत भगवान शिव को प्रिय है

 
Narak Nivaran Chaturdashi:   माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरक निवारण चतुर्दशी कहा जाता है जो इस वर्ष 8 फरवरी को है। इसे माघ शिवरात्रि भी कहा जाता है. धार्मिक दृष्टि से इस व्रत का बहुत महत्व है। पुराणों के अनुसार इस तिथि पर भगवान शंकर की पूजा करने से आयु में वृद्धि होती है। स्वर्ग और नर्क से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन शिव का ध्यान करने से सिद्धियों की प्राप्ति होती है। इस व्रत में बेर और सेम का प्रसाद चढ़ाने की परंपरा है। इसके महत्व के कारण इसे नरक निवारण चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। Also Read: RBI: अब बैंक लॉकर जितना सुरक्षित होगा ऑनलाइन ट्रांजैक्शन, आइए जानें कैसे?
Narak Nivaran Chaturdashi:  माघ शिवरात्रि इस वजह से खास है
शास्त्रों के अनुसार माघ माह की शिवरात्रि के दिन माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह तय हुआ था। इस तिथि के ठीक एक महीने बाद फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव का विवाह देवी पार्वती के साथ संपन्न हुआ। इसलिए माघ कृष्ण चतुर्दशी, जिसे नरक निवारण चतुर्दशी भी कहा जाता है, का विशेष महत्व है। वैसे तो हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी भगवान शिव की पूजा के लिए सर्वोत्तम है, लेकिन शास्त्रों के अनुसार माघ और फाल्गुन माह की चतुर्दशी भगवान शंकर को सबसे प्रिय है। जिसके कारण ये दोनों तिथियां शिवरात्रि के समकक्ष मानी जाती हैं। इस दिन सिर्फ शिव ही नहीं बल्कि शिव के साथ पार्वती और गणेश की भी पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। और नरक से मुक्ति मिल जाती है।
Narak Nivaran Chaturdashi:   माघ शिवरात्रि व्रत नरक के दरवाजे बंद कर देता है
हिंदू धर्म के अनुसार मृत्यु के बाद व्यक्ति अपने कर्मों के अनुसार स्वर्ग और नर्क में जाता है। शास्त्रों के अनुसार, जहां स्वर्ग में व्यक्ति को मरने के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है, वहीं नरक में उसे अपने बुरे कर्मों के फलस्वरूप कष्ट भोगना पड़ता है। इससे मुक्ति पाने के लिए यह तिथि विशेष है। इसलिए इसे नरक निवारण चतुर्दशी कहा जाता है। इस दिन विधि-विधान से पूजा करने से नरक से मुक्ति मिलती है।
Narak Nivaran Chaturdashi: शिवरात्रि नरक निवारण चतुर्दशी पर भगवान शिव की विशेष पूजा करें
Also Read: PM Samman Nidhi Yojana:पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ पाने के लिए रखें इन बातों का खास ध्यान इस दिन भगवान शिव को बेलपत्र, बिल्वपत्र और बेर चढ़ाना चाहिए। यदि व्रत है तो बेर खाकर व्रत खोलना चाहिए। साथ ही इस दिन रुद्राभिषेक करने से मिलने वाला फल कई गुना बढ़ जाता है। इस दिन किसी ब्राह्मण को घी और शहद का दान करने से रोगों से मुक्ति मिलती है। अगर घर में कोई बीमार है तो वह इस अवसर पर यह उपाय कर सकता है।

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