Paush Amavasya: आज है पौष अमावस्या, नोट कर लें स्नान-दान का मुहूर्त और पूजा विधि

 
Paush Amavasya: आज है पौष अमावस्या, नोट कर लें स्नान-दान का मुहूर्त और पूजा विधि
Paush Amavasya:  धार्मिक मान्यताओं में पौष अमावस्या को विशेष महत्व दिया गया है। जनवरी माह की अमावस्या को पौष अमावस्या के नाम से जाना जाता है। 2024 की पहली अमावस्या गुरुवार, 11 जनवरी यानि आज है। पौष अमावस्या के दिन कुछ उपाय करने से नाराज पितरों को प्रसन्न करने के साथ-साथ काल सर्प दोष को भी दूर किया जा सकता है। तो आइए जानते हैं पौष मास की अमावस्या पर स्नान-दान का समय और विशेष उपाय- Also Read: Identification mustard: सरसों में माहू कीट का नियंत्रण करें ऐसे, फलियां बननेगी पॉवर फूल
Paush Amavasya kab hai date time puja vidhi shubh muhrat importance  significance upay - Paush Amavasya : पौष अमावस्या कल, नोट कर लें पूजा- विधि,  शुभ मुहूर्त, महत्व और उपाय, पंचांग-पुराण ...
Paush Amavasya:  पौष अमावस्या मुहूर्त
पौष अमावस्या तिथि प्रारम्भ- रात्रि 08:10 बजे, 10 जनवरी पौष अमावस्या तिथि समापन- 05:26 अपराह्न, 11 जनवरी स्नान-दान मुहूर्त- सुबह 05.57 बजे से सुबह 06.21 बजे तक अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12.08 बजे से 12.50 बजे तक गोधूलि मुहूर्त- शाम 05 बजकर 40 मिनट से शाम 06 बजकर 07 मिनट तक
Paush Amavasya:  ये काम अवश्य करें
पौष अमावस्या के दिन दान और स्नान का विशेष महत्व होता है। इस दिन कुशा घास की अंगूठी पहनकर श्राद्ध कर्म करना महत्वपूर्ण माना जाता है। पौष अमावस्या के दिन दान देने से पितृ दोष के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है। इसके अलावा पौष अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए। इस दिन गाय, कौवे और कुत्तों को भी भोजन खिलाना चाहिए।
Paush Amavasya:  पितृ दोष और काल सर्प दोष के उपाय
पौष अमावस्या की विशेष तिथि पर पितृ दोष और काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं। इसलिए इस दिन पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव की पूजा करें। इस बीच पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन पितृ स्तोत्र और पितृ कवच का पाठ अवश्य करें। पौष अमावस्या के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराने और तर्पण करने से घर के सदस्यों पर पितरों की कृपा बनी रहती है। Also Read: Goat Farming: बकरी की यह खास नस्ल तीन तरीकों से कमाती है लाखों, जानिए एक्सपर्ट्स ने क्या कहा?
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Paush Amavasya:  स्नान-दान का विशेष महत्व
पौष अमावस्या के दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करके पितरों को तर्पण देते हैं और गरीबों को दान देते हैं। स्नान-दान के बाद जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करते हैं। ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि मान्यता है कि अमावस्या पर स्नान और दान करने से पुण्य मिलता है। सुख-समृद्धि के साथ पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। ज्योतिषाचार्य डॉ. दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचल ने बताया कि अमावस्या के दिन व्रत करने से कष्टों और संकटों से भी छुटकारा मिलता है।

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