Paush Purnima Vrat: पौष पूर्णिमा का विशेष महत्व है। पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन गंगा स्नान और भगवान विष्णु की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है। साथ ही व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। इस दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा भी करनी चाहिए। आइए जानते हैं पौष पूर्णिमा की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि। Also Read: Vastu Tips For Bedroom: शादीशुदा जिंदगी को खुशहाल और बेहतर बनाने के लिए तो अपनाएं वास्तु शास्त्र के ये उपाय
Paush Purnima Vrat: पौष पूर्णिमा मुहूर्त
पौष पूर्णिमा की तिथि 24 जनवरी को रात 9:49 बजे शुरू होगी और जनवरी को रात 11:23 बजे समाप्त होगी उदया तिथि में पूर्णिमा 25 जनवरी को होने के कारण पौष पूर्णिमा का व्रत 25 जनवरी को मनाया जाएगा पौष पूर्णिमा पर प्रीति योग भी बन रहा है. सुबह 7:33 बजे से निर्माण कार्य चल रहा है. इसके अलावा इस दिन गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग भी रहने वाला है।
इसके बाद पूरे विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करें और फिर बहती जलधारा में काले तिल प्रवाहित करें। साथ ही भगवान विष्णु को पीले वस्त्र अर्पित करें। यह भी माना जाता है कि इस दिन पूजा करने से व्यक्ति के आत्मविश्वास और कार्य करने की क्षमता में वृद्धि होती है।