लोकसभा चुनाव में हार के बाद, अब विधानसभा चुनाव के लिए भरपाई करने में जुटी हरियाणा सरकार

चुनावों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं, कार्यकर्ताओं और जनता के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद हरियाणा की भाजपा सरकार धीरे-धीरे सही रास्ते पर आ रही है। ताकि विधान सभा चुनावों में नुकसान न हो। और तीनों विधानसभा चुनाव अक्टूबर में होने जा रहे हैं। प्रदेश के नए सीएम नायब सिंह सैनी ने न सिर्फ 50 हजार स्थायी भर्तियों का ऐलान किया है, बल्कि अब वे ओबीसी और एससी वर्ग को भी अपने घेरे में लेने जा रहे हैं।
 
लोकसभा चुनाव में हार के बाद, अब विधानसभा चुनाव के लिए भरपाई करने में जुटी हरियाणा सरकार

चुनावों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं, कार्यकर्ताओं और जनता के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद हरियाणा की भाजपा सरकार धीरे-धीरे सही रास्ते पर आ रही है। ताकि विधान सभा चुनावों में नुकसान न हो। और तीनों विधानसभा चुनाव अक्टूबर में होने जा रहे हैं। प्रदेश के नए सीएम नायब सिंह सैनी ने न सिर्फ 50 हजार स्थायी भर्तियों का ऐलान किया है, बल्कि अब वे ओबीसी और एससी वर्ग को भी अपने घेरे में लेने जा रहे हैं।

इसी तरह उन पोर्टल से जुड़ी समस्याओं के समाधान के भी आदेश दिए गए हैं, जिनकी वजह से जनता को परेशानी हो रही है। इनमें मुख्य रूप से प्रॉपर्टी आईडी और फैमिली आईडी हैं। कांग्रेस ने यहां तक ​​कह दिया है कि प्रदेश में उनकी सरकार आने के बाद इन पोर्टल को बंद कर दिया जाएगा। चुनावों में हार और कांग्रेस के इस ऐलान के बाद प्रदेश सरकार ने इन दोनों पोर्टल पर आ रही समस्याओं के समाधान के लिए ऑफलाइन व्यवस्था भी कर दी है। हालांकि नाराजगी के आरोपों को लेकर अभी तक सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है।

देखना यह है कि सरकार कार्यकर्ताओं के साथ काम करेगी या मनोहर लाल खट्टर के तौर-तरीकों पर काम करेगी। स्थायी नौकरियों का बड़ा फैसला हालांकि सबसे बड़ा फैसला 50 हजार स्थायी नौकरियों का है। हरियाणा सरकार नौकरी देने के मोर्चे पर सवालों के घेरे में है। नौकरी के नाम पर खट्टर सरकार ने कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में लगे ठेका कर्मियों को हुनरमंद रोजगार देने और ट्रैफिक में शाम की ड्यूटी करके वाहवाही बटोरने की योजना बनाई है। जो 20 से 30 हजार रुपए तक तनख्वाह पाते हैं। अब चुनाव में हार का सामना करने के बाद समझ में आ गया है कि ऐसी ही स्थाई नौकरियों की जरूरत है। ग्रामीण गरीबों को भोजन कराने का खर्च

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अब गांवों में 7500 लाभार्थियों को 100-100 गज के पौधे और 12500 लोगों को जमीन खरीदने के लिए 1-1 लाख खर्च करने होंगे। ये प्लॉट मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत बनाए जाएंगे। ऐसा लगता है कि हरियाणा में ओबीसी और एससी वर्ग ने भाजपा से मुंह मोड़ लिया है। अब उन संसाधनों की समस्या, जो 100 करोड़ रुपए है, को ठीक करके ही उनकी चौपालों को ठीक किया जाएगा... पोर्टल की समस्या को सुधारा जाएगा

जनता के लिए परेशानी का सबब बनी प्रॉपर्टी आईडी और फैमिली आईडी पोर्टल से जुड़ी समस्याओं को अब ऑफलाइन भी ठीक किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने समाधान प्रकोष्ठ का गठन किया है। डीसी, एसपी और अधीनस्थ स्तर पर अधर में लटकी ट्रैक्टर गाड़ियां रोजाना सुबह 9 से 11 बजे तक जनता के सामने लटकी रहेंगी। इसके तहत हर स्तर पर 30 तक कर्मचारी तैनात किए गए हैं। मंत्री ने मानी गलती

दरअसल, हार के बाद राज्य सरकार ने समीक्षा बैठक बुलाई थी। जे क्रिस्म में दस ऐसे मुद्दे सामने आए, जे क्रिस्म की वजह से लोग काफी परेशान हैं। इसमें सबसे ऊपर परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) और संपत्ति पहचान पत्र हैं। लोग इन्हें बनना चाहते हैं और ऐन वक्त पर लोग इन सेवाओं से वंचित रह जाते हैं। हरियाणा सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने भी एक कार्यक्रम में कहा कि संपत्ति पहचान पत्र और परिवार पहचान पत्र पोर्टल के कथित तौर पर ठीक से काम न करने की वजह से जनता परेशान है। 'प्रसांसा' ने समय-समय पर इस मुद्दे को उठाया है। लेकिन रैवार पहचान पत्र में क्या दरारें हैं

लेकिन आय पहचान पत्र में मुख्य रूप से दरारें हैं। अब कई लोगों की परेशानी यह है कि उनकी आय कुछ हजार में आई है, जबकि कागजों में इसे लाखों में बनाया गया है। कर्मचारियों ने आय ज्यादा दिखाई है। ऐसा होते ही संबंधित व्यक्ति हर दिन गरीब कल्याण की योजनाओं का लाभ उठाता रहा।

कोई राशन से वंचित हो गया तो कोई अन्य सुविधाओं से। कई मामलों में छोटे बच्चों की आय भी कम दिखाई गई है। लोग अपना काम छोड़कर अपनी आय सही करवाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं। इसके अलावा कुछ जगहों पर लोगों ने विरोध भी किया है। कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा का दावा है कि सरकार राशन पहचान पत्र के कारण लोगों को राशन और पेंशन से वंचित कर रही है। प्रॉपर्टी आईडी में क्या है दिक्कत

इस तरह प्रॉपर्टी आईडी बनाने की योजना से भी लोग काफी परेशान हैं। आईडी बनाने का काम एक निजी एजेंसी को सौंपा गया है। एजेंसी ने इतना गलत डेटा दिया है कि पूरे प्रदेश में लोग परेशान हैं। कहीं प्रॉपर्टी का नाम गलत दिखाया गया है तो कहीं प्लॉट का साइज और नंबर गलत है।

अभी भी लाखों लोग प्रॉपर्टी आईडी सही करवाने के लिए लाए नगर निगम के चक्कर काट रहे हैं, लेक लाइन की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। प्रॉपर्टी आईडी में गड़बड़ी को लेकर जो भी खबरें मीडिया में आईं, राज्य सरकार ने भी उसे नजरअंदाज किया। अब इसका समाधान शुरू हो गया है। अगर आपको प्रॉपर्टी आईडी बनवाना है तो झंझट झेलने के लिए तैयार रहें और आप इतनी जल्दी आईडी क्यों बनवाना चाहते हैं, इसके बारे में...

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