Elevated Expressway : भारत का पहला 8-लेन एलिवेटेड एक्सप्रेसवे, इन लोगों को मिलेगा ये बड़ा फायदा
Elevated Expressway : द्वारका एक्सप्रेसवे: दिल्ली-एनसीआर की ट्रैफिक समस्या का समाधान
परिचय
भारत में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है, जिसमें द्वारका एक्सप्रेसवे एक महत्वपूर्ण परियोजना है। यह देश का पहला 8-लेन एलिवेटेड एक्सप्रेसवे है, जो दिल्ली और गुरुग्राम के बीच यातायात को सुगम बनाएगा।
परियोजना की विशेषताएं
द्वारका एक्सप्रेसवे की कुछ मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- 29 किमी लंबा एक्सप्रेसवे, जिसमें 18.9 किमी हरियाणा में और 10.1 किमी दिल्ली में आता है।
- 3.6 किमी लंबी उथली सुरंग (टनल), जो 9-लेन की होगी और विस्फोट-रोधी भी होगी।
- प्रतिदिन लगभग 40,000 कारों को समायोजित कर सकेगा।
- लगभग 9 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है।
- 2024 तक पूरी तरह से ऑपरेशनल होने की उम्मीद है।
परियोजना के लाभ
द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण से कई लाभ होंगे, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
- दिल्ली-गुरुग्राम के बीच यातायात में सुधार।
- नेशनल हाईवे 8 पर ट्रैफिक का बोझ कम होगा।
- ईंधन की बचत और प्रदूषण में कमी।
- स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
- रियल एस्टेट और अन्य व्यवसायों को लाभ मिलेगा।
परियोजना का महत्व
द्वारका एक्सप्रेसवे दिल्ली-एनसीआर की ट्रैफिक समस्या का समाधान करेगा और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देगा। यह परियोजना भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बनाई जा रही है, जो देश में बुनियादी ढांचे के विकास का एक बड़ा हिस्सा है।
निर्माण की प्रक्रिया
द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण लगभग 9 हजार करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। इसकी कुल लंबाई सिर्फ 29 किमी है, लेकिन इसकी तकनीकी संरचना और लाभ इसे देश के सबसे बड़े एक्सप्रेसवे से भी अधिक महत्वपूर्ण बनाते हैं। इसमें 9 किमी लंबा और 34 मीटर चौड़ा एलिवेटेड रोड भी शामिल है, जो इसे और भी खास बनाता है।
आगे की योजना
द्वारका एक्सप्रेसवे के शुरू होने से दिल्ली-एनसीआर के लाखों लोगों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है। फिलहाल नेशनल हाईवे-48 पर दिल्ली-गुरुग्राम के बीच भारी ट्रैफिक जाम की समस्या आम बात हो गई है। इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने से इस समस्या का समाधान हो जाएगा, जिससे यात्रियों का सफर आसान और तेज हो जाएगा।