हरियाणा में अब चेयरमैन की बल्ले बल्लेः 20 लाख का मिलेगा प्राइवेट फंड, सुरक्षा के लिए बॉडीगार्ड भी रहेगा साथ

हरियाणा के सरपंचों की तरह अब निकाय चेयरमैन व वाइस चेयरमैन की शक्तियां भी बढ़ने जा रही हैं। शहरी निकाय मंत्री सुभाष सुधा ने जनप्रतिनिधियों की वित्तीय शक्तियां बढ़ाने का खाका तैयार कर लिया है। इस खाके में चेयरमैन, वाइस चेयरमैन व सचिव की कमेटी में से 2 को जहां बिल पास करने के लिए हस्ताक्षर करने की शक्तियां दी जाएंगी, वहीं अब वे सरकारी काम के लिए खुद का वाहन इस्तेमाल कर सकेंगे।
 
हरियाणा में अब चेयरमैन की बल्ले बल्लेः 20 लाख का मिलेगा प्राइवेट फंड, सुरक्षा के लिए बॉडीगार्ड भी रहेगा साथ

हरियाणा के सरपंचों की तरह अब निकाय चेयरमैन व वाइस चेयरमैन की शक्तियां भी बढ़ने जा रही हैं। शहरी निकाय मंत्री सुभाष सुधा ने जनप्रतिनिधियों की वित्तीय शक्तियां बढ़ाने का खाका तैयार कर लिया है। इस खाके में चेयरमैन, वाइस चेयरमैन व सचिव की कमेटी में से 2 को जहां बिल पास करने के लिए हस्ताक्षर करने की शक्तियां दी जाएंगी, वहीं अब वे सरकारी काम के लिए खुद का वाहन इस्तेमाल कर सकेंगे।

इसके बदले में उन्हें विभाग की ओर से 16 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। हर महीने वे 2500 किलोमीटर तक वाहन का इस्तेमाल कर सकेंगे। दरअसल निकाय चेयरमैन वित्तीय शक्तियां बढ़ाने व अन्य अधिकार देने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं।

इस संबंध में महीनों पहले शहरी निकाय मंत्री सुभाष सुधा ने प्रदेशभर के चेयरमैनों के साथ बैठक की थी, जिसमें उन्होंने उनकी मांगों को जायज बताते हुए प्रस्ताव तैयार करने के आदेश दिए थे। फिलहाल मंत्री की ओर से फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय भेजी गई है, जहां से मुख्यमंत्री की मंजूरी का इंतजार है। भुगतान स्वीकृति समिति में मिलेगी जगह

नागरिक संघ ने महीनों पहले निकाय मंत्री सुभाष सुधा के साथ बैठक में 5 सूत्रीय एजेंडे को लागू करने की मांग की थी। नागरिक संघ की प्रदेश अध्यक्ष रजनी विरमानी ने मंत्री से कहा है कि भुगतान स्वीकृति समिति में शामिल सदस्यों के बीच विवाद की संभावना अधिक रहती है, इसलिए इस समिति में निर्वाचित अध्यक्ष व कोई पदाधिकारी तथा जिस वार्ड में काम होना है, उस वार्ड के निर्वाचित सदस्य को ही शामिल किया जाए।

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निजी कोष 20 लाख तक होगा

सभी नगर निकायों के निर्वाचित अध्यक्ष को भी काम करवाने के लिए हर महीने अपने निजी कोष में कम से कम 15-20 लाख रुपए का बजट दिया जाना चाहिए। सभी शहरों में लंबे समय से कई सामुदायिक केंद्र व धर्मशालाएं बनी हुई हैं, जो जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंच चुकी हैं, लेकिन उनके पास स्वामित्व के दस्तावेज नहीं हैं।

ऐसी धर्मशालाओं के जीर्णोद्धार का काम नगर निकायों को दिया जाना चाहिए। इसके अलावा सभी अध्यक्षों को सुरक्षा के तहत अंगरक्षक दिए जाने चाहिए, साथ ही अधिकारियों पर प्रधानों का नियंत्रण स्थापित करने की शक्ति भी दी जानी चाहिए।

सरकार ने सरपंचों की ताकत बढ़ा दी है। कुरुक्षेत्र में पंचायती राज सम्मेलन के दौरान सीएम नायब सैनी ने सरपंचों की ताकत बढ़ाने का ऐलान किया है। जिसके बाद अब सरपंच बिना ई-टेंडरिंग के 21 लाख तक के काम करवा सकेंगे। खट्टर के सीएम रहते यह सीमा 5 लाख कर दी गई थी।

सरपंच लगातार इसका विरोध कर रहे थे। वे ई-टेंडरिंग को ही खत्म करने की मांग कर रहे थे। इसके विरोध में यूनियन तक बना दी गई थी और खट्टर के सीएम रहते इसका काफी विरोध हुआ था। हालांकि सीएम ने अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए फिलहाल काम करवाने की सीमा में राहत दी है।

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