Haryana: हरियाणा में जज के घर की बिजली काटी, बकाया वसूली के लिए कोर्ट ने बिजली दफ्तर पर लगाया था ताला
हरियाणा के सोनीपत में खरखौदा में गुरुवार रात को बिजली निगम ने जज के आवास की बिजली काट दी। जज विक्रांत ने सैदपुर बिजली निगम और कामदगिरी एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रिफंड के मामले में आदेश जारी किया था। जिसके बाद बिजली विभाग को सील कर दिया गया था। बिजली निगम पर करीब 35 लाख 47,499 रुपये की बकाया राशि थी। यह राशि बिजली बिल में अतिरिक्त सरचार्ज जोड़कर जमा कराई गई थी। बाद में जांच में पता चला कि बिजली निगम द्वारा यह पैसा कंपनी को नहीं दिया जा रहा है।
इसके बाद जज ने कार्रवाई के आदेश जारी किए। शाम को बिजली निगम द्वारा जज के आवास की बिजली काट दी गई। कर्मचारी बोले- ऊपर से आदेश है, बिजली काटनी पड़ेगी चपरासी की शिकायत के अनुसार गुरुवार रात 8 बजे बिजली निगम के दो कर्मचारी गार्ड रूम में आए। उन्होंने कहा- ऊपर से आदेश है कनेक्शन काटने का। गार्ड रूम में तैनात एसपीओ वीरेंद्र सिंह ने फोन पर इसकी जानकारी दी। इसके बाद चपरासी ने बिजली कर्मचारियों को अंदर न आने देने को कहा। इसके बाद बिजली कर्मचारियों ने एसपीओ वीरेंद्र सिंह का फोन छीन लिया।
चपरासी से कहा- ऊपर से आदेश है कि इस आवास की बिजली काटी जाए। इसके बाद बिजली निगम के कर्मचारियों ने पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस के पीछे की तरफ से आने वाले बिजली के खंभे की बिजली काट दी। जिससे सरकारी काम में देरी हुई है। बिजली कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। बिजली कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज खरखौदा थाने के एएसआई संजय कुमार के अनुसार वह रात को खरखौदा बस स्टैंड के पास टीम के साथ गश्त पर थे। खरखौदा थाने के सरकारी मोबाइल पर सूचना मिली कि विक्रांत एसडीजेएम साहब तुरंत खरखौदा के सरकारी आवास पर पहुंचे।
चपरासी अनिल कुमार ने सरकारी आवास पर शिकायत दर्ज कराई। इस पर पुलिस ने बिजली कर्मचारियों के खिलाफ खरखौदा थाने में धारा 132/221 बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर लिया। जज के आवास की लाइन गलती से कट गई थी। खरखौदा बिजली निगम के एसडीओ रवि कुमार ने बताया कि बिजली कर्मचारी लाइन चेक कर रहे थे, गलती से जज के आवास की लाइन कट गई थी। इसका पता चलते ही पांच मिनट में लाइन को दोबारा जोड़कर जज के आवास की बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई।
निगम मामले की जांच कर रहा है। बिजली निगम और कामगिरी एक्सपोर्ट के बीच विवाद बिजली निगम ने काम गिरी एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को 35,47,499 रुपये का बिल दिया था। बिजली बिल का भुगतान कर दिया गया था। साथ ही कंपनी ने इसके खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इससे पहले तत्कालीन न्यायाधीश डॉ. कविता कांबोज ने भी बिजली निगम के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए थे। इसके बाद बिजली निगम ने सिर्फ पांच लाख रुपये का भुगतान किया था।
बिजली निगम ने काम गिरी एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को 35,47,499 रुपये का बिल दिया था। बिजली बिल का भुगतान कर दिया गया था। साथ ही कंपनी ने इसके खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इससे पहले तत्कालीन न्यायाधीश डॉ. कविता कांबोज ने भी बिजली निगम के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए थे, जिसके बाद बिजली निगम ने सिर्फ पांच लाख रुपये का भुगतान किया था।