Haryana: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला, मृतक की ओर से तलाक का मामला नहीं लड़ सकते परिजन

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसमें कहा गया है कि यदि किसी दंपती में से एक की मृत्यु हो जाती है, तो उसके लिए कोई और तलाक का मामला नहीं लड़ सकता है। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि विवाह दो भागीदारों के बीच एक व्यक्तिगत अनुबंध है, जो केवल दोनों पक्षों के जीवनकाल तक ही रहता है।
 
Haryana: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला, मृतक की ओर से तलाक का मामला नहीं लड़ सकते परिजन

Haryana: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसमें कहा गया है कि यदि किसी दंपती में से एक की मृत्यु हो जाती है, तो उसके लिए कोई और तलाक का मामला नहीं लड़ सकता है। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि विवाह दो भागीदारों के बीच एक व्यक्तिगत अनुबंध है, जो केवल दोनों पक्षों के जीवनकाल तक ही रहता है।

इस फैसले के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार के सदस्य उसकी ओर से तलाक का मामला नहीं लड़ सकते हैं। यह फैसला एक मामले में सुनाया गया है, जिसमें एक महिला ने अपने बेटे की मृत्यु के बाद उसके स्थान पर तलाक का मामला लड़ने की मांग की थी।

महिला के बेटे ने 2011 में पारिवारिक न्यायालय से तलाक की मांग की थी, लेकिन उसकी याचिका 2014 में खारिज कर दी गई थी। इसके बाद हाईकोर्ट में अपील लंबित थी। 2022 में याचिका के लंबित रहने के दौरान उसके बेटे की मृत्यु हो गई।

हाईकोर्ट ने कहा कि मृतक की मां को अपने बेटे के स्थान पर पक्षकार बनकर याचिका की आड़ में तलाक मांगने का कोई अधिकार नहीं है। इसी के साथ हाई कोर्ट ने मां की याचिका खारिज कर दी।

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