Old Pension Scheme: हरियाणा सरकार को बड़ा झटका: कच्चे कर्मचारी पक्के होने वाले कर्मचारी पुरानी पेंशन के हकदार- HIGH COURT

हरियाणा में 2006 के बाद नियमित होने वाले कर्मचारी भी पुरानी पेंशन स्कीम के तहत पेंशन के हकदार होंगे। सरकार को उनके नियमित होने से पहले की सेवा को भी पेंशन के लिए सेवा में जोड़ना होगा।
 
Old Pension Scheme: हरियाणा सरकार को बड़ा झटका:  कच्चे कर्मचारी पक्के होने वाले कर्मचारी पुरानी पेंशन के हकदार- HIGH COURT
Old Pension Scheme:

HARYANA में 2006 के बाद नियमित होने वाले कर्मचारी भी पुरानी पेंशन स्कीम के तहत पेंशन के हकदार होंगे। सरकार को उनके नियमित होने से पहले की सेवा को भी पेंशन के लिए सेवा में जोड़ना होगा। पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट की खंडपीठ ने यह फैसला सिंगल बैच के आदेश को चुनौती देने वाली हरियाणा सरकार की अपील को खारिज करते हुए दिया है।

सिंगल बैच ने कर्मचारियों के हक में फैसला सुनाते हुए पुरानी पेंशन के लिए पात्र माना था। हाई कोर्ट के फैसले से हरियाणा HARYANA के 5000 से अधिक रिटायर कर्मचारियों को फायदा होगा।

अपील में सरकार ने दलील दी थी कि स्कूलों में प्रिंसिपल की तरफ से कुछ घंटे के लिए लोगों को रखा जाता था। पूरे दिन का कार्य नहीं बल्कि तीन-चार घंटे का काम होता था। ऐसे में इन्हें न तो डेली वेज माना जा सकता और नहीं नियमित होने से पहले उनकी सेवा की करना पेंशन के लिए की जानी चाहिए।

नियमित होने की तिथि के समय लागू पेंशन स्कीम नई पेंशन स्कीम Pension Scheme का ही लाभ दिया जा सकता है। HIGH COURT हाई कोर्ट ने अपील खारिज करते हुए कहा कि दो दशक की सेवा की बात कर्मचारियों को नियमित किया गया है।

यदि उनके नियमित होने से पूर्व की सेवा को नहीं जोड़ा गया तो यह न्याय के गर्भपात जैसा होगा। साथ ही सेवा लेने की तिथि पर लागू पेंशन का लाभ दिया जानना चाहिए ने की नियमित होने की तिथि पर।

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नागरिकों का ना हो उत्पीड़न कच्चे कर्मी रखने की नीति बदले हरियाणा सरकार

HIGH COURT हाई कोर्ट ने कहा है कि डेलीवेज और एडहॉक नियुक्तियां कर राज्य अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहा है। और ऐसा करना सामाजिक आर्थिक न्याय के अधिकार का उल्लंघन होगा। हरियाणा सरकार का कच्चे कर्मचारी रखने की नीति में संशोधन पर विचार करें।

2019 में भी पेंशनों के हक में आया था फैसला

रोहतक के जय भगवान 6 अगस्त 1992 में एडहॉक पर शिक्षा विभाग में चपरासी नियुक्त हुए। और फरवरी 2012 तक सेवा करने के बाद सरकार ने उसे नियमित करने का निर्णय लिया था। 2015 में वे रीटायर हो गए।

उनकी पेंशन Pension की गणना के समय पुरानी पेंशन और कच्ची पेंशन सेवा को ने जोड़ने को उन्होंने कोर्ट में चुनौती दी थी। 2019 में सिंगल बेंच उनके और उनके समान अन्य कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाया था।

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