सिर फटा, खून से लथपथ बिस्तर पर मिला बेटा, साथ में सोता रहा हत्यारा पिता: हरियाणा में दिल दहला देने वाली घटना
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, परमजीत अपने ननिहाल भूथन कलां में आया हुआ था और अपने मामा जिले सिंह की ढाणी में सो रहा था। देर रात उसका पिता सुरजीत शराब पीकर वहां पहुंचा और चारपाई पर सो रहे परमजीत के सिर पर लठ मार दिया। इस ज़बरदस्त वार से परमजीत की मौके पर ही मौत हो गई.
सुबह हुआ भयानक खुलासा
अगली सुबह जब परिजन कमरे में पहुँचे तो परमजीत को मृत अवस्था में पाया. उसके सिर से खून बह रहा था और पास ही खून से सना लठ पड़ा था. परमजीत का पिता सुरजीत भी उसी कमरे में दूसरी चारपाई पर सो रहा था. यह देख परिजनों के होश उड़ गए. मामा जिले सिंह ने तुरंत पुलिस को सूचना दी.
पुलिस ने शुरू की जांच
सूचना मिलते ही सदर थाना प्रभारी कुलदीप सिंह और सीन ऑफ क्राइम की टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी. मृतक की माँ रोशनी देवी की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी पिता के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है.
माँ का रो-रो कर बुरा हाल
रोशनी देवी ने बताया कि वह अपने पति और बेटे के साथ मायके में रह रही थी. उसकी बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है और वह कल ही अपनी बेटी से मिलने गई थी. सुबह उसे इस दुखद घटना की जानकारी मिली. जब वह घर पहुँची तो पति ने रोते हुए बताया कि उसने रात को बहुत ज्यादा शराब पी ली थी और बेटे को मार डाला.
नशे ने उजाड़ा एक और घर
यह घटना एक बार फिर शराब के बढ़ते दुष्प्रभावों को उजागर करती है. नशे में धुत व्यक्ति अपने होश खो बैठता है और कई बार ऐसे भयानक कदम उठा लेता है जिसका खामियाजा उसे और उसके परिवार को भुगतना पड़ता है. यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि हमें नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने और इस बुराई को जड़ से खत्म करने के लिए प्रयास करने होंगे.
जरूरी कदम उठाने की है आवश्यकता
- नशामुक्ति केंद्रों की स्थापना: सरकार को गाँव-गाँव में नशामुक्ति केंद्रों की स्थापना करनी चाहिए जहाँ नशे की लत से ग्रस्त लोगों का इलाज किया जा सके.
- जागरूकता अभियान: नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए ताकि लोगों को इसके दुष्परिणामों के बारे में पता चल सके.
- कानून का सख्ती से पालन: शराब की बिक्री और सेवन से जुड़े कानूनों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए.
- पारिवारिक मूल्यों का संवर्धन: पारिवारिक मूल्यों को मजबूत करना होगा ताकि परिवार में प्यार और समझदारी का माहौल बना रहे.
यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हम किस तरह के समाज में रह रहे हैं जहाँ एक पिता अपने ही बेटे का हत्यारा बन जाता है. हमें ऐसी घटनाओं से सबक लेते हुए एक बेहतर और सुरक्षित समाज के निर्माण की दिशा में काम करना होगा.