सिरसा के इस गांव में पराली जलाने पर किसान पर सख्त कार्रवाई: केस दर्ज, गिरफ्तारी बाकी

2. कृषि अधिकारी ने पुलिस को सूचना दी।
3. आरोपी किसान के खिलाफ केस दर्ज।
4. राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के आदेश का उल्लंघन।
5. पर्यावरण प्रदूषण की समस्या बढ़ रही है।
6. सरकार को किसानों के लिए पराली प्रबंधन योजनाएं बनानी चाहिए।
7. किसानों को पराली के उपयोग के बारे में जानकारी देनी चाहिए।
8. सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है.
हरियाणा के सिरसा जिले में पराली जलाने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। हाल ही में, गांव बणी में एक किसान ने अपने खेत में पराली में आग लगा दी, जिससे पर्यावरण प्रदूषण (Environmental Pollution) की समस्या बढ़ गई है।
इस घटना के बाद, कृषि अधिकारी पंकज कुमार मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने आरोपी किसान राजेश के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। जिलाधीश शांतनु शर्मा ने 18 सितंबर 2024 से जिला में फसल कटाई के बाद अवशेषों को जलाने पर प्रतिबंध लगाया है, लेकिन इसके बावजूद घटनाएं हो रही हैं।
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (National Green Tribunal) द्वारा 10 दिसंबर 2015 को पारित आदेश अनुसार धान की पराली जलाना कानूनी अपराध (Crime) माना गया है। इस आदेश में सजा और जुर्माना (Penalty) दोनों का प्रावधान किया गया है।
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि किसानों को पराली जलाने के नुकसान (Harmful Effects) के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। पराली जलाने से पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता है, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं (Health Issues) होती हैं।
सरकार को किसानों के लिए पराली प्रबंधन (Stubble Management) के लिए विशेष योजनाएं बनानी चाहिए। इसके अलावा, किसानों को पराली के उपयोग (Utilization) के बारे में जानकारी देनी चाहिए, जिससे वे पराली को जलाने के बजाय उसका उपयोग कर सकें।
इस मामले में पुलिस और प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। किसानों को भी पराली जलाने के नुकसान के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए, ताकि वे पर्यावरण की रक्षा में योगदान कर सकें।
कुछ महत्वपूर्ण बिंदु:
पराली जलाने के नुकसान
1. पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता है।
2. स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं।
3. मिट्टी की उर्वरता कम होती है।
पराली प्रबंधन के तरीके
1. पराली को खाद बनाना।
2. पराली को ऊर्जा में परिवर्तित करना।
3. पराली को पशुओं के चारे के रूप में उपयोग करना।
सरकार की भूमिका
1. किसानों को पराली प्रबंधन के लिए विशेष योजनाएं बनाना।
2. किसानों को पराली के उपयोग के बारे में जानकारी देना।
3. पराली जलाने पर सख्त कार्रवाई करना।