मोदी सरकार ने दी मंजूरी बढ़ेगी कनेक्टिविटी और पर्यटन, हरियाणा के इस जिले में जल्द बनेगा बाईपास

Haryana Hindi News:हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने घोषणा की है कि कुरुक्षेत्र बाईपास के निर्माण के लिए केंद्र की मोदी सरकार से सैद्धांतिक स्वीकृति मिल चुकी है। यह बाईपास न केवल कुरुक्षेत्र निवासियों के लिए बल्कि आसपास के इलाकों के लोगों के लिए भी फायदेमंद होगा। इससे क्षेत्र में कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचा बेहतर होगा। मुख्यमंत्री ने यह बात अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के तहत आयोजित 48 कोस तीर्थ सम्मेलन में कही।
48 कोस तीर्थ यात्रा होगी शुरू
मुख्यमंत्री ने बताया कि ब्रज की 84 कोस यात्रा की तर्ज पर कुरुक्षेत्र की 48 कोस भूमि पर स्थित तीर्थों की यात्रा शुरू की जाएगी। इसके अलावा, कुरुक्षेत्र को मथुरा और हरिद्वार से जोड़ने के लिए रेल सेवा शुरू करने की योजना भी है।
श्री कृष्ण सर्किट योजना
महाभारत युद्ध से जुड़े 134 स्थलों को श्री कृष्ण सर्किट योजना के तहत विकसित किया जा रहा है। इस पर लगभग 175 करोड़ रुपये की लागत आएगी। साथ ही, ज्योतिसर अनुभव केंद्र, जो महाभारत थीम पर आधारित है, का निर्माण 205 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। इस केंद्र का हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल उद्घाटन किया था।
367 तीर्थ स्थलों का सर्वेक्षण और विकास
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुरुक्षेत्र की 48 कोस भूमि में 367 तीर्थ स्थल हैं, जिनमें से कई समय के साथ लुप्त हो चुके थे। नए सर्वेक्षण के बाद अब 164 तीर्थ स्थलों की सूची में 18 नए तीर्थ जोड़े गए हैं। यह प्रक्रिया अभी जारी है और निकट भविष्य में और भी तीर्थ शामिल किए जाएंगे।
विकास कार्यों को मिल रही गति
पिछले पांच वर्षों में, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के तहत 93 विकास कार्यों के लिए 76 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 57 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। इनमें से कई परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जबकि शेष कार्य प्रगति पर हैं। कुरुक्षेत्र में श्री तिरुपति बालाजी मंदिर, जीओ गीता संस्थान, अक्षरधाम मंदिर, इस्कॉन मंदिर, और ज्ञान मंदिर जैसे आस्था केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर 48 कोस तीर्थ पुस्तक, तीर्थों के लिए क्यूआर कोड, और कुरुक्षेत्र टूर गाइड के प्रथम और द्वितीय संस्करण का भी विमोचन किया।कुरुक्षेत्र में हो रहे विकास कार्य न केवल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करेंगे बल्कि पर्यटन और धार्मिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देंगे। इन योजनाओं से कुरुक्षेत्र को एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित करने की उम्मीद है।