विटनेस: साक्षी मलिक की आत्मकथा में खुलासे, विनेश-बजरंग के दिमाग में लालच भरा गया

 साक्षी मलिक की आत्मकथा 'विटनेस' में उन्होंने अपने जीवन के संघर्षों और सफलताओं को साझा किया है। इसमें उन्होंने अपने बचपन में हुए सेक्शुअल हैरेसमेंट, रेसलिंग में आने, और पहलवानों के सेक्शुअल हैरेसमेंट के मुद्दे पर बात की है। साक्षी मलिक की यह आत्मकथा न केवल उनके जीवन की कहानी है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष किया।
 
 विटनेस: साक्षी मलिक की आत्मकथा में खुलासे, विनेश-बजरंग के दिमाग में लालच भरा गया
हरियाणा की रेसलर साक्षी मलिक ने अपनी आत्मकथा 'विटनेस' में अपने जीवन के कई महत्वपूर्ण पहलुओं को साझा किया है। इसमें उन्होंने अपने बचपन में हुए सेक्शुअल हैरेसमेंट, रेसलिंग में आने, और पहलवानों के सेक्शुअल हैरेसमेंट के मुद्दे पर बात की है।

बचपन में सेक्शुअल हैरेसमेंट

साक्षी मलिक ने अपने बचपन में ट्यूशन टीचर द्वारा छेड़छाड़ किए जाने का अनुभव साझा किया। उन्होंने कहा कि वह इसके बारे में अपने परिवार को नहीं बता सकीं क्योंकि उन्हें लगा कि यह उनकी गलती थी।

रेसलिंग में जाने का फैसला

साक्षी ने कहा कि शुरुआत में उन्हें रेसलिंग में जाने का विचार नहीं था, लेकिन धीरे-धीरे जब उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले खेलने शुरू किए, तो उनकी रुचि बढ़नी आरंभ हुई। उन्होंने कहा कि रेसलिंग के अलावा कुछ नहीं दिखता था और उनका लक्ष्य ओलिंपिक में जाना और देश के लिए मेडल जीतना था।

विनेश-बजरंग के साथ आंदोलन

साक्षी मलिक ने विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के साथ मिलकर भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के सेक्शुअल हैरेसमेंट के खिलाफ आंदोलन किया। उन्होंने कहा कि विनेश और बजरंग के ट्रायल्स से छूट लेने के फैसले से आंदोलन की छवि प्रभावित हुई।

सेक्शुअल हैरेसमेंट के खिलाफ लड़ाई

साक्षी मलिक ने कहा कि उन्होंने सेक्शुअल हैरेसमेंट के खिलाफ लड़ाई इसलिए लड़ी ताकि आने वाली पीढ़ी और बच्चियों को इस समस्या से न गुजरना पड़े। उन्होंने कहा कि अब सेक्शुअल हैरेसमेंट करने वाला 100 बार सोचेगा कि कहीं ये भी जाकर आंदोलन न कर दे।

विनेश फोगाट की प्रतिक्रिया

विनेश फोगाट ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर कहा कि जो कुछ भी आप सुनते हैं, उस पर विश्वास मत करो। एक कहानी के हमेशा तीन पहलू होते हैं। आपका, उनका और सच।

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साक्षी मलिक के पति की प्रतिक्रिया

साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादियान ने कहा कि साक्षी का व्यवहार सहज है। आंदोलन के लिए डिसाइड करते समय यह मन में जरूर था कि हम बहुत बड़ी लड़ाई में कूद रहे हैं। साक्षी का स्वभाव नर्म है और भावुक भी जल्दी हो जाती हैं। सच्चाई को अधिक तवज्जो देती हैं।

उन्होंने आगे कहा, "साक्षी ने अपने जीवन के अनुभवों को आत्मकथा में साझा करने का फैसला किया, जिसमें उनके बचपन में हुए सेक्शुअल हैरेसमेंट के अनुभव भी शामिल हैं। मुझे लगता है कि यह बहुत हिम्मत का काम है और मैं उनकी हिम्मत की प्रशंसा करता हूं।"

सत्यव्रत ने कहा कि साक्षी की आत्मकथा में उनके जीवन के कई पहलू हैं जो लोगों को प्रेरित करेंगे। उन्होंने कहा, "साक्षी की कहानी न केवल उनके जीवन के संघर्षों को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष किया।"

उन्होंने आगे कहा, "मैं साक्षी की आत्मकथा को पढ़ने के लिए उत्सुक हूं और मुझे लगता है कि यह पुस्तक न केवल खेल प्रेमियों के लिए बल्कि सभी के लिए प्रेरणादायक होगी।"

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