क्या आप जानते हैं फलों पर लगे स्टिकर का मतलब? सेहत से जुड़ा है ये राज, खरीदने से पहले जरूर देखें
आपने बहुत सारे फल खरीदे होंगे। लेकिन, क्या आपने कभी उन फलों पर ध्यान दिया है जिन पर स्टिकर लगे होते हैं। खासकर आपने सेब पर स्टिकर लगे देखे होंगे। स्टिकर लगे फल चमकते हैं और उनकी गुणवत्ता भी बेहतरीन लगती है। स्टिकर लगे फलों की कीमत भी बिना स्टिकर वाले फलों से ज्यादा होती है, लेकिन क्या इस स्टिकर का सिर्फ यही मतलब है? नहीं, दरअसल ये स्टिकर बहुत कुछ कहते हैं,

आपने बहुत सारे फल खरीदे होंगे। लेकिन, क्या आपने कभी उन फलों पर ध्यान दिया है जिन पर स्टिकर लगे होते हैं। खासकर आपने सेब पर स्टिकर लगे देखे होंगे। स्टिकर लगे फल चमकते हैं और उनकी गुणवत्ता भी बेहतरीन लगती है। स्टिकर लगे फलों की कीमत भी बिना स्टिकर वाले फलों से ज्यादा होती है, लेकिन क्या इस स्टिकर का सिर्फ यही मतलब है? नहीं, दरअसल ये स्टिकर बहुत कुछ कहते हैं,
जिसके बारे में लोगों को पता नहीं होता। गुमला के खाद्य सुरक्षा अधिकारी लव कुमार गुप्ता ने लोकल 18 को बताया कि फलों पर जो स्टिकर लगाया जाता है, वह कंपनी लगाती है। इसमें ब्रांडिंग के साथ कोडिंग भी होती है। स्टिकर लगे फलों की गुणवत्ता अच्छी होती है और ज्यादातर ये ऊंचे दामों पर बिकते हैं। ये स्टिकर आपको सेब, संतरा, नाशपाती, पपीता, केला, चीकू, चेरी आदि फलों पर मिल जाएंगे
खास तौर पर महंगे फलों में कंपनियां ब्रांडिंग के मकसद से भी स्टिकर लगाती हैं। अगर स्टिकर पर दिखी 5 अंकों की कोडिंग कई फलों पर लगे स्टिकर में कुछ नंबर भी लिखे मिलते हैं। इनमें अंकों की संख्या 4 या 5 हो सकती है। इस कोडिंग का भी अपना मतलब होता है। अगर फल पर लगे स्टिकर पर 5 अंक लिखे हैं और पहला अंक 9 से शुरू होता है तो इस कोड का मतलब है कि इस फल को जैविक तरीके से उगाया गया है. यह फल सेहत के लिए ज़्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है. इतना ही नहीं, इसका रेट भी सामान्य फलों से ज़्यादा होगा. वहीं अगर कोड 8 अंकों से शुरू होता है तो इसका मतलब है कि इस फल को जैविक तरीके से नहीं उगाया गया है.
चार अंकों की कोडिंग का मतलब
कई बार आपको फलों पर लगे स्टिकर में भी चार अंकों की संख्या दिखाई देगी. इस कोडिंग का मतलब है कि ऐसे फलों को कीटनाशकों और रसायनों की मदद से उगाया गया है. ये फल जैविक फलों की तुलना में सस्ते और कम फायदेमंद होते हैं. वहीं जिन फलों पर कोई स्टिकर नहीं होता है, इसका मतलब है कि उन्हें सामान्य तरीके से उगाया गया है और उनकी खेती में कीटनाशकों और रसायनों का भी इस्तेमाल किया गया है. ऐसे में जब भी आप भविष्य में फल खरीदें और आपको उस पर कोई स्टिकर दिखे तो एक बार उसकी कोडिंग ज़रूर पढ़ लें.