गर्मियों में आप लस्सी या छाछ का गिलास गटकते हैं, तो जानें दोनों में से कौन सा है बेहतर विकल्प

सदियों से गर्मी के मौसम में लगभग हर भारतीय की पसंदीदा ड्रिंक लस्सी या छाछ है। ये दोनों ही दही से बने ड्रिंक हैं। हालांकि, इन्हें बनाने का तरीका और इनका स्वाद दोनों ही काफी अलग हैं। एक तरफ लस्सी का स्वाद मीठा होता है, वहीं दूसरी तरफ छाछ का स्वाद नमकीन होता है। लस्सी बनाते समय दही को अच्छे से फेंटा जाता है, उसमें पिसी चीनी डाली जाती है और फिर मेवे के टुकड़े डाले जाते हैं और ऊपर से आम, केसर, गुलाब जैम जैसे किसी भी फ्लेवर की टॉपिंग डाली जाती है। इससे लस्सी का स्वाद बढ़ जाता है और फिर इसे क्रीम की परत के साथ सर्व किया जाता है। छाछ बनाते समय दही को अच्छे से फेंटने के बाद उसमें पानी डाला जाता है
 
गर्मियों में आप लस्सी या छाछ का गिलास गटकते हैं, तो जानें दोनों में से कौन सा है बेहतर विकल्प

सदियों से गर्मी के मौसम में लगभग हर भारतीय की पसंदीदा ड्रिंक लस्सी या छाछ है। ये दोनों ही दही से बने ड्रिंक हैं। हालांकि, इन्हें बनाने का तरीका और इनका स्वाद दोनों ही काफी अलग हैं। एक तरफ लस्सी का स्वाद मीठा होता है, वहीं दूसरी तरफ छाछ का स्वाद नमकीन होता है। लस्सी बनाते समय दही को अच्छे से फेंटा जाता है, उसमें पिसी चीनी डाली जाती है और फिर मेवे के टुकड़े डाले जाते हैं और ऊपर से आम, केसर, गुलाब जैम जैसे किसी भी फ्लेवर की टॉपिंग डाली जाती है। इससे लस्सी का स्वाद बढ़ जाता है और फिर इसे क्रीम की परत के साथ सर्व किया जाता है। छाछ बनाते समय दही को अच्छे से फेंटने के बाद उसमें पानी डाला जाता है,

फिर काला नमक, पिसा हुआ भुना जीरा डालकर मिक्स किया जाता है। छाछ बनाम दही गर्मी से राहत दिलाने और पेट के लिए दोनों ही फायदेमंद हैं। ये पाचन क्रिया को बढ़ाते हैं और कैल्शियम, विटामिन बी12, प्रोटीन, जिंक और खास तौर पर प्रोबायोटिक्स से भरपूर होते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ओवरऑल पोषण के मामले में इन दोनों में थोड़ा अंतर है। आज इस लेख में आइए जानते हैं कि छाछ और लस्सी में से कौन सी चीज़ सेहत के लिए ज़्यादा फ़ायदेमंद है।

छाछ

छाछ पीने के बाद आप हल्का महसूस करते हैं। इसका कारण यह है कि छाछ एक हल्का पेय है, क्योंकि इसमें पानी ज़्यादा होता है। छाछ में लस्सी के मुक़ाबले कम कैलोरी होती है और यह कम अम्लीय भी होती है। इसे बनाते समय इसमें काला नमक, भुना जीरा पाउडर और हरा धनिया मिलाया जाता है, जो इसकी पौष्टिकता को और बढ़ा देता है। यह खाने को ठीक से पचाने में मदद करता है और पेट को ठंडा भी रखता है।

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लस्सी


दूसरी ओर, लस्सी पीने के बाद पेट अच्छे से भर जाता है। यह पूरी तरह से दही से बनती है और इसका स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें चीनी के साथ क्रीम भी डाली जाती है। ये चीज़ें लस्सी को छाछ के मुक़ाबले थोड़ा अनहेल्दी बनाती हैं। ऐसे में डायबिटीज़ के मरीज़ों और वज़न घटाने वाली डाइट फॉलो करने वाले लोगों के लिए लस्सी के मुक़ाबले छाछ बेहतर विकल्प है। वज़न कम करने के लिए छाछ का सेवन करना चाहिए।

छाछ या दही - कौन बेहतर है

छाछ पेट फूलने की समस्या से भी राहत दिलाती है। यह कब्ज और एसिडिटी से राहत दिलाता है, हड्डियों को मजबूत बनाता है। इसमें कैल्शियम, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और पोटैशियम भरपूर मात्रा में होता है, जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखता है। छाछ में लस्सी के मुकाबले 50% तक कम कैलोरी होती है और फैट की मात्रा भी 75% तक कम होती है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि छाछ और लस्सी के मुकाबले छाछ कहीं बेहतर विकल्प है।

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