पालक और बथुआ से भी ज्यादा फायदेमंद है ये सब्जी, मिलेंगे कमाल के फायदे
पत्तेदार सब्जियों को सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। गर्मी के मौसम में बाजारों में कई तरह की सब्जियां मिल जाती हैं, लेकिन पत्तेदार सब्जियां बहुत कम मिलती हैं। पत्तेदार सब्जियों का सेवन करने से एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर मिलते हैं, जो हमारी पाचन शक्ति को बढ़ाने के साथ-साथ दिल की बीमारियों को कम करने का काम करते हैं। पत्तेदार सब्जियों का इस्तेमाल सलाद, सूप और सब्जी बनाने में किया जा सकता है। अगर पत्तेदार सब्जियों का नियमित सेवन किया जाए तो इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और वजन को कंट्रोल में रखना आसान होता है।
पत्तेदार सब्जियों को सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। गर्मी के मौसम में बाजारों में कई तरह की सब्जियां मिल जाती हैं, लेकिन पत्तेदार सब्जियां बहुत कम मिलती हैं। पत्तेदार सब्जियों का सेवन करने से एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर मिलते हैं, जो हमारी पाचन शक्ति को बढ़ाने के साथ-साथ दिल की बीमारियों को कम करने का काम करते हैं। पत्तेदार सब्जियों का इस्तेमाल सलाद, सूप और सब्जी बनाने में किया जा सकता है। अगर पत्तेदार सब्जियों का नियमित सेवन किया जाए तो इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और वजन को कंट्रोल में रखना आसान होता है।
जब भी पत्तेदार सब्जियों का नाम आता है तो हमारे दिमाग में सबसे पहले पालक और बथुआ का नाम आता है। लेकिन एक पत्तेदार सब्जी ऐसी भी है, जो पालक-बथुआ से भी सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद मानी जाती है।
पोई साग
पोई साग, इसे पालक और बथुआ से भी ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। इस साग में विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं। इस पत्तेदार सब्जी में शरीर को फायदा पहुंचाने वाले पोषक तत्व अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। पोई एक ऐसी सब्जी है, जिसमें पालक से भी ज्यादा मात्रा में आयरन और प्रोटीन पाया जाता है। इसमें कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिसमें - विटामिन ए, बी, सी और ई काफी अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। इस सब्जी को लोग बेल वाली सब्जी के नाम से भी जानते हैं। इसके पत्ते हरे और मोटे होते हैं, जिन्हें सब्जी या सलाद के साथ खाया जा सकता है।
पोई साग की खेती
पोई साग की खेती मुख्य रूप से भारत, श्रीलंका और इंडोनेशिया में की जाती है। यह गर्मियों में उगाई जाने वाली फसल है, जिसके उत्पादन से किसान अधिक कमाई कर सकते हैं। इसका रंग हरा होता है और यह स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है, इसलिए बाजारों में इसकी खास मांग रहती है। किसान साल भर पोई साग की खेती कर सकते हैं। पोई साग की खेती किसानों के लिए काफी मुनाफे का सौदा साबित हो सकती है। पोई को लगाने का उपयुक्त समय सितंबर से जनवरी के बीच माना जाता है। किसानों को इसे दोमट या रेतीली मिट्टी में लगाना चाहिए। पहली जुताई के बाद आपको इसके खेत में सड़ी हुई गोबर की खाद को कम्पोस्ट के साथ मिलाना होगा। गर्मियों में इसकी फसल को 5 से 10 दिन के अंतराल पर पानी की जरूरत होती है।
पोई साग के फायदे
इस साग का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं, क्योंकि इसमें कैल्शियम की अच्छी मात्रा होती है। यह दिल के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है, इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर मौजूद होता है, जो दिल की सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। फाइबर शरीर में जमा खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने का काम करता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। पाई साग में मैग्नीशियम, कैल्शियम और जिंक जैसे कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो हमारी इम्युनिटी पावर को बढ़ाने का काम करते हैं। इसके अलावा पोई साग त्वचा के लिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन-सी मौजूद होता है, जो हमारी त्वचा को ग्लोइंग और जवां बनाए रखने में मदद करता है।