निर्मला सीतारमण पर जबरन वसूली का आरोप कोर्ट ने दर्ज की एफआईआर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है, जिसमें उन पर जबरन वसूली का आरोप लगाया गया है। यह मामला चुनावी बॉन्ड योजना से जुड़ा है, जिसमें आरोप है कि सीतारमण ने कॉर्पोरेट संस्थाओं को हजारों करोड़ रुपए के चुनावी बॉन्ड खरीदने के लिए मजबूर किया
इस मामले में जनाधिकार संघर्ष संगठन के आदर्श अय्यर ने शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि सीतारमण ने ईडी अधिकारियों की गुप्त सहायता और समर्थन के माध्यम से राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर दूसरों के फायदे के लिए हजारों करोड़ रुपए की जबरन वसूली की। इस शिकायत में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, कर्नाटक भाजपा के नेता नलीन कुमार कतील और बीवाई विजयेंद्र का भी नाम शामिल है
इस मामले में पुलिस ने विशेष अदालत के आदेश के आधार पर सीतारमण, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के पदाधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 384 (जबरन वसूली के लिए सजा), 120 बी (आपराधिक साजिश) और 34 (सामान्य इरादे से कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कृत्य) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है
यह मामला चुनावी बॉन्ड योजना के इर्द-गिर्द घूमता है, जिसे उच्चतम न्यायालय ने फरवरी में रद्द कर दिया था, यह कहते हुए कि इससे संविधान के तहत सूचना के अधिकार और भाषण एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन होता है ¹।