Delhi Election 2025: AAP और Congress के बीच मतभेद गहराए, अरविंद केजरीवाल बोले- "अकेले लड़ेंगे दिल्ली चुनाव"

 
Delhi Election 2025

Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए तैयारियों के बीच आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं। AAP प्रमुख और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी आगामी चुनावों में कांग्रेस के साथ किसी भी प्रकार के गठबंधन के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा कि AAP दिल्ली में अपने दम पर चुनाव लड़ेगी और किसी भी सीट बंटवारे या समझौते की खबरों को खारिज कर दिया।

केजरीवाल का रुख साफ: अकेले लड़ेंगे चुनाव

अरविंद केजरीवाल ने बुधवार (11 दिसंबर) को कहा, "AAP दिल्ली में अकेले चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस के साथ गठबंधन की कोई संभावना नहीं है।" इससे पहले चर्चा थी कि दोनों पार्टियां सीट बंटवारे के फॉर्मूले पर बातचीत कर रही थीं, जिसमें कांग्रेस को 15 सीटें और अन्य पार्टियों को 1-2 सीटें दी जा सकती थीं। लेकिन केजरीवाल ने इन सभी अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी पार्टी स्वतंत्र रूप से चुनावी मैदान में उतरेगी।

INDA गठबंधन पर केजरीवाल का बदला रुख

केजरीवाल ने यह बयान तब दिया है जब उनकी पार्टी ने हाल ही में हरियाणा विधानसभा चुनावों में भी अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया था। हरियाणा में AAP और कांग्रेस के बीच गठबंधन बनाने का प्रयास किया गया था, लेकिन सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई। इस घटनाक्रम के बाद AAP ने विपक्षी INDIA गठबंधन से दूरी बना ली थी।

हरियाणा-राजस्थान सहित देश-विदेश की हर खबर सबसे पहले पाने के लिए हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े 👇👇 ज्वाइन करें

Congress-AAP के रिश्तों में खटास

2024 के लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियों ने दिल्ली में INDIA गठबंधन के तहत साथ चुनाव लड़ा था। AAP और कांग्रेस के नेताओं ने एक-दूसरे के लिए प्रचार भी किया। हालांकि, बाद में रिश्तों में खटास आ गई। हाल ही में महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (MVA) की हार के बाद दोनों दलों के बीच दूरियां और बढ़ गई हैं।

दिल्ली में AAP के लिए चुनावी चुनौती

2025 के विधानसभा चुनाव AAP के लिए चुनौतीपूर्ण माने जा रहे हैं। कांग्रेस के साथ गठबंधन न करने का फैसला AAP की रणनीति का हिस्सा है, जिससे वह अपनी स्वतंत्र राजनीतिक स्थिति को बनाए रखना चाहती है। हालांकि, कांग्रेस नेताओं का एक वर्ग अभी भी गठबंधन के पक्ष में है, जो भविष्य में दोनों दलों के बीच संवाद की संभावना को खुला रखता है। AAP के अकेले चुनाव लड़ने के फैसले से दिल्ली का राजनीतिक परिदृश्य और रोचक हो गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या AAP अपने दम पर अपनी सरकार बचाने में सफल होती है, या कांग्रेस और बीजेपी जैसी राष्ट्रीय पार्टियां उसे कड़ी चुनौती देती हैं।

Tags

Around the web

News Hub
Icon